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PM Narendra Modi At Gandhinagar : अभी तो मैंने ज्यादा कुछ किया नहीं, वहां पसीना छूट रहा, सिंधु जल संधि का जिक्र कर पीएम नरेंद्र मोदी ने बताई पाकिस्तान की हालत

PM Narendra Modi At Gandhinagar : पीएम बोले, अब हमें सबूत नहीं देना पड़ रहा है। 6 मई के बाद जिनका कत्ल हुआ, उनके जनाजे को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए और उनकी सेना ने उन्हें सलामी दी। यह सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि एक प्रॉक्सी वार नहीं है। यह आपकी सोची समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।

नई दिल्ली। गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीनगर पहुंचे। यहां उन्होंने पहले एक रोड शो किया, उसके बाद जनसभा को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि अगर 1947 में हमने कश्मीर में घुसने वाले मुजाहिद्दीनों को मार गिराया होता तो आज हमें ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। सिंधु जल संधि का जिक्र करते हुए मोदी बोले, क्या मेरे देशवासियों को पानी पर अधिकार नहीं है, अभी तो मैंने ज्यादा कुछ किया नहीं है, वहां (पाकिस्तान में) पसीना छूट रहा है। हमने डैम के थोड़े से दरवाजे खोलकर सफाई शुरू की इतने में वहां बाढ़ आ जाती है।

मोदी ने कहा, हम अपने काम में लगे थे, प्रगति की राह पर चल रहे थे। हम सबका भला चाहते हैं, मुसीबत में मदद भी करते हैं, लेकिन बदले में खून की नदियां बहती हैं। मैं नई पीढ़ी को कहना चाहता हूं कि देश को कैसे बर्बाद किया गया है। 1960 में जो सिंधु जल संधि हुई है अगर उसकी बारीकी में जाएंगे तो आप चौंक जाएंगे। यहां तक तय हुआ है उसमें कि जो जम्मू कश्मीर की नदियों पर डैम बने हैं, उन डैम का सफाई का काम नहीं किया जाएगा। 60 साल तक ये गेट नहीं खोले गए।

पीएम बोले, अब हमें सबूत नहीं देना पड़ रहा है। मैं इसलिए कहता हूं कि इसे प्रॉक्सी वार नहीं कह सकते क्योंकि जो आतंकवादियों के जनाजे निकले हैं, 6 मई के बाद जिनका कत्ल हुआ, उनके जनाजे को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए और उनकी सेना ने उन्हें सलामी दी। यह सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि एक प्रॉक्सी वार नहीं है। यह आपकी सोची समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।

पीएम बोले, 1947 में जब मां भारती के टुकड़े हुए, ‘कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन काट दी गई भुजाएं’। देश के 3 टुकड़े कर दिए गए। उसी रात पहला आतंकवादी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता, सरदार पटेल की इच्छा थी कि जब तक PoK वापस नहीं आता है सेना रुकनी नहीं चाहिए लेकिन सरदार साहब की बात मानी नहीं गई। ये मुजाहिदीन जो लहू चख गए थे वे सिलसिला 75 साल से चला आ रहा है। पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था। 75 साल तक हम झेलते रहे। पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटाई। पाकिस्तान समझ गया है कि वे भारत से जीत नहीं सकता है।

नरेंद्र मोदी ने कहा, हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते। हम सुख चैन की जिंदगी जीना चाहते हैं। हम प्रगति भी इसलिए करना चाहते हैं कि विश्व की भलाई में हम भी कुछ योगदान कर सकें। इसीलिए हम एकनिष्ठ भाव से भारतीयों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रहे हैं। पीएम ने कहा, मैं गुजरात का ऋणी हूं। इस धरती ने मुझे बड़ा किया है। यहां मुझे जो शिक्षा और सबक मिले, आप सबके बीच रहकर मैंने जो सीखा, आपने मुझे जो मार्गदर्शन दिया, आपने जो सपने मुझे सौंपे, मैं उन्हें देश की जनता के हित में लागू करने का प्रयास कर रहा हूं। मुझे खुशी है कि आज गुजरात सरकार ने शहरी विकास वर्ष के 20 साल पूरे होने का जश्न मनाया, जिसकी शुरुआत 2005 में हुई थी।