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Dhar Bhojshala ASI Survey : धार भोजशाला में मिली हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां व अन्य सनातनी अवशेष, मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति

Dhar Bhojshala ASI Survey : भोजशाला में सीढ़ियों के नीचे बंद कमरे से मां वाग्देवी, मां पार्वती, बजरंग बली व गणेश भगवान की प्रतिमाएं मिली हैं। इसके अतिरिक्त सनातनी आकृतियों वाले शंख-चक्र, शिखर समेत करीब 79 अवशेष भी मिले हैं। मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि यह अवशेष यहां बाद में रखे गए थे।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में जारी एएसआई सर्वे में सीढ़ियों के नीचे बंद कमरे से मां वाग्देवी, मां पार्वती, बजरंग बली व गणेश भगवान की प्रतिमाएं मिली हैं। इसके अतिरिक्त सनातनी आकृतियों वाले शंख-चक्र, शिखर समेत करीब 79 अवशेष भी मिले हैं। यह कमरा हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की मौजूदगी में खोला गया। हिंदू पक्ष जहां इसे अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मान रहा है तो मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि यह अवशेष यहां बाद में रखे गए थे।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के आदेश के बाद धार स्थित भोजशाला का एएसआई सर्वे शुरू कराया गया है। हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था। इसी को लेकर हिंदू संगठनों की ओर से याचिका दायर की गई थी जिस पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने 11 मार्च को एएसआई को सर्वे करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस मामले में एएसआई से छह सप्ताह के अंदर हाईकोर्ट में रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है।

यह सर्वे आधुनिक तरीके से भोजशाला परिसर में दोनों पक्ष के लोगों की मौजूदगी में कराया जा रहा है। भोजशाला पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के लोग दावा करते हैं। धार जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार राजा भोज (1000-1055 ई.) परमार राजवंश के सबसे बड़े शासक थे। उन्होंने धार में एक महाविद्यालय की स्थापना की, जिसे बाद में भोजशाला के रूप में जाना जाने लगा, जहां छात्र शिक्षा के लिए आते थे। इस भोजशाला या सरस्वती मंदिर, जिसे बाद में यहां के मुस्लिम शासक ने मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था, इसके अवशेष अभी भी प्रसिद्ध कमाल मौलाना मस्जिद में देखे जा सकते हैं।