नई दिल्ली। राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुई दुर्घटना के बाद एमसीडी ने कई अवैध और बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की है। इस हादसे में तीन विद्यार्थियों की दुखद मौत हो गई थी। एमसीडी की इस कार्रवाई में प्रसिद्ध दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर भी शामिल है, जिसके संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने अपना पक्ष रखा है।दृष्टि आईएएस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस दुर्घटना में श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय और दर्दनाक मृत्यु पर उन्हें गहरी संवेदना है। दिव्यकीर्ति ने कहा कि कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों की सुरक्षा के प्रति अत्यधिक सतर्क रहते हैं और उनके पास फायर और सेफ्टी ऑफिसर की विशेष टीम है। इस टीम में नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर से प्रशिक्षित अधिकारी शामिल हैं, जो नियमित रूप से भवनों की सेफ्टी ऑडिट करते हैं।
दिव्यकीर्ति ने बताया कि उनके क्लासरूम वाले भवनों में कम से कम दो सुरक्षित निकासी मार्ग होते हैं। उन्होंने एमसीडी की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों की जरूरत है। दृष्टि आईएएस टीम ने सरकार से अपील की है कि वे कोचिंग संस्थानों के लिए निश्चित क्षेत्रों का चयन करें और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें, ताकि किराए और सुरक्षा संबंधी समस्याओं का समाधान हो सके।
दिव्यकीर्ति ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना से विद्यार्थियों में रोष स्वाभाविक है, और यह आवश्यक है कि इस रोष को सही दिशा मिले। उन्होंने सरकार के साथ सक्रिय सहयोग की इच्छा जताई है और आशा व्यक्त की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करेगी।