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Yogi Adityanath At Book Launch : अगर चुनौती नहीं, तो जीवन का सार भी बेकार, जानिए योगी आदित्यनाथ ने किस अवसर पर कही ये बात?

Yogi Adityanath At Book Launch : यूपी सीएम बोले, निखरते वही हैं जो लोग चुनौती को स्वीकार करते हुए हंसते-हंसते उसको गले लगाकर अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं और बिखरते वही हैं जो चुनौती से पलायन करते हैं। चुनौती से पलायन यह अपने आप में बिखरने का और पतन का एक मार्ग होता है। जो चुनौती को स्वीकार करते हुए मार्ग प्रशस्त करते हैं वही निखर कर लोगों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि मुझे लगता है, अगर चुनौती नहीं है तो फिर जीवन का सार भी बेकार हो जाता है। यह भी सच है कि अवसर सबको मिलते हैं लेकिन कुछ निखर जाते हैं, कुछ बिखर जाते हैं। निखरते वही हैं जो लोग चुनौती को स्वीकार करते हुए हंसते-हंसते उसको गले लगाकर अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं और बिखरते वही हैं जो चुनौती से पलायन करते हैं। योगी ने यह बातें यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जीवन वृत्तांत पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ के विमोचन अवसर पर कहीं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज लखनऊ के डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय स्थित सभागार में पुस्तक का लोकार्पण किया।

योगी बोले, चुनौती से पलायन यह अपने आप में बिखरने का और पतन का एक मार्ग होता है। जो चुनौती को स्वीकार करते हुए मार्ग प्रशस्त करते हैं वही निखर कर लोगों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। सीएम ने कहा, राज्यपाल महोदया के जीवन पर आधारित यह पुस्तक समाज के लिए, हर एक तबके के लिए एक नई प्रेरणा है। आनंदी बेन पटेल के जीवन से जुड़े पहलुओं पर बात करते हुए योगी ने कहा, गुजरात के एक छोटे से गांव में सामान्य किसान परिवार में जन्म लेकर शून्य से शिखर की इस यात्रा को तय करना और वह भी किसी महिला के लिए अत्यंत कठिन कार्य है। याद करिए आज से सात दशक पहले किसी वैष्णव परिवार में, किसान परिवार में कोई बेटी स्कूल जाए, पढ़े यह कल्पना है।

आदित्यनाथ ने आगे कहा, देश उस समय आजाद नहीं था लेकिन उस समय की कल्पना को अपनी जिजीविषा से, माता पिता के सहयोग से उस चुनौती का सामना करते हुए आनंदीबेन पटेल जी आगे बढ़ीं। निरंतर परिश्रम की पराकाष्ठा को लेकर आगे बढ़ने का उनका भाव था। सीएम ने कहा, एक शिक्षिका, एक प्रधानाचार्या के रूप में, विधानसभा और राज्यसभा के सदस्य के रूप में, गुजरात सरकार में मंत्री के रूप में और फिर गुजरात की पहली महिला मुख्मयंत्री के रूप में और आज उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में उनके यशस्वी कार्यकाल और कार्यक्रमों को बहुत नजदीक से देखने सुनने का अवसर हम सबको प्राप्त होता है।