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IGI Police: आईजीआई पुलिस ने इमिग्रेशन गिरोह पर कसा नाकेल, 11 एजेंट हुए गिरफ्तार

IGI Police: आव्रजन धोखाधड़ी प्रकरण की तफ्तीश साल 2021 में BOI कर्मी की शिकायत के बाद शुरू हुई थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 4 यात्रियों ने इमिग्रेशन क्लीयरेंस के लिए संपर्क किया था, जबकि उनका इरादा श्रीलंका के कोलंबो की यात्रा करने का था, लेकिन उनका पासपोर्ट संदिग्ध लग रहा था।

नई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से संचालित हो रहे एक ऐसे रैकेट का आईजीआई पुलिस ने भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को अपने झांसे में फंसाकर उन्हें विदेश भेजने का वादा कर उनसे ठगी करते थे। पुलिस ने इस रैकेट में शामिल 11 एजेंटों को धर दबोचा है। एक सप्ताह तक चले अभियान के तहत पुलिस ने आव्रजन धोखाधड़ी के 7 अलग-अलग मामलों में 8 एजेंटों को गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं, पुलिस गिरफ्त में आए एजेंटों ने खुलासा किया है कि कैसे वो भोलेभाले लोगों को विदेश भेजने के झूठे ख्वाब दिखाकर अपने झांसे में लेते थे। पुलिस की गिरफ्त में तीनों एजेंट मूलत: हैदराबाद के बांशिदे हैं, जिसमें एंथोनी पैट्रिक, सबस्टियन मारियो और डोमिनिक जोसेफ का नाम शामिल है। ये एजेंट नकली चेक रिपब्लिक वीजा स्टिकर की व्यवस्था करते थे और ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों को अपने झांसे में लेने की कोशिश करते थे। यह गैर-कानूनी तरीके से लोगों को विदेश में बसने की तरकीब बताते थे।

आव्रजन धोखाधड़ी प्रकरण की तफ्तीश साल 2021 में BOI कर्मी की शिकायत के बाद शुरू हुई थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 4 यात्रियों ने इमिग्रेशन क्लीयरेंस के लिए संपर्क किया था, जबकि उनका इरादा श्रीलंका के कोलंबो की यात्रा करने का था, लेकिन उनका पासपोर्ट संदिग्ध लग रहा था। दस्तावेज़ की जांच से पता चला कि उनके पासपोर्ट पर चिपका ‘डी’ चेक गणराज्य वीजा संदिग्ध लग रहा था। पूरी तरह से जांच के बाद, यह पाया गया कि टाइप ‘डी’ चेक रिपब्लिक वीजा में विकृत सुरक्षा विशेषताएं थीं, जो आगे साबित करती हैं कि उक्त वीजा नकली थे। आव्रजन अधिकारियों की शिकायतों के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जिसके बाद विस्तृत जांच शुरू की गई।

इंस्पेक्टर राज कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई जिसमें एचसी महेंद्र, एचसी सुरेंद्र, वीरेंद्र मोर, एसीपी/आईजीआई एयरपोर्ट की देखरेख में यशपाल सिंह एसएचओ/आईजीआई एयरपोर्ट ने जांच शुरू की और भोले-भाले यात्रियों को ठगने के तरीकों का पता लगाने के लिए कई एजेंटों और दलालों को पकड़ा। टीम ने आरोपी एजेंटों की इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की और सबूतों के साथ उन्हें दबोच लिया। पुलिस ने इन 3 एजेंटों के अलावा 8 अन्य एजेंटों को भी पिछले 10 दिनों में 7 अलग-अलग मामलों में पकड़ा है।