संभल। यूपी के संभल के खग्गू सराय इलाके में प्रशासन ने 46 साल से बंद पड़े मंदिर का ताला फिर से खुलवाया। इस मंदिर में पूजा-पाठ जारी है। बड़ी तादाद में सुबह से शाम तक भक्तों का तांता संभल के मंदिर में लगा रहता है। अब प्रशासन ने मंदिर के आसपास सभी अवैध अतिक्रमण हटाने का फैसला किया है। इसके लिए मंदिर के आस-पास के लोगों से उनके मकान संबंधी दस्तावेज भी प्रशासन ने मांगे हैं। इन दस्तावेजों में देखकर पता किया जाएगा कि किस किसने मंदिर और उससे लगे घर की चौहद्दी का अतिक्रमण किया है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
#WATCH | Uttar Pradesh: Early morning visuals from the Shiv-Hanuman Temple which was discovered in Sambhal during an anti-encroachment drive carried out by district police and administration on 14th December. pic.twitter.com/gBR657iHpI
— ANI (@ANI) December 17, 2024
मंदिर से लगे एक घर के मालिक ने मीडिया को बताया है कि उनके घर का छज्जा बाहर निकला है और ये अतिक्रमण है। इस छज्जे को वो खुद ही हटाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, प्रशासन ही तय करेगा कि संभल के पुराने शिव और हनुमान मंदिर के पास कौन से अवैध ढांचे हैं। फिर इनको गिराने का काम शुरू किया जाएगा। संभल के इस पुराने मंदिर का नाम संभलेश्वर महादेव मंदिर रखा गया है। मंदिर का ताला खोलने के बाद पता चला था कि यहां शिवलिंग और हनुमान जी की प्रतिमा है। वहीं, मंदिर के पास स्थित कुएं की खोदाई में सोमवार को भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश और माता पार्वती की खंडित प्रतिमाएं भी मिली थीं। इन सभी प्रतिमाओं की प्राचीनता की जांच भी प्रशासन कराने वाला है।
संभल में इस पुराने मंदिर का पता उस वक्त चला, जब प्रशासन ने बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया। बिजली चोरी का पता लगाने जब इलाके में टीम पहुंची, तो वहां इस मंदिर को देखा। मंदिर के आसपास का इलाका पहले हिंदू बहुल था। स्थानीय लोगों के मुताबिक 1978 के दंगे के बाद हिंदू परिवार यहां से चले गए। उसी दौरान मंदिर पर भी ताला लग गया। इस इलाके में 1978 के दंगे के बाद मुस्लिमों की तादाद ज्यादा हो गई। संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर से मंदिर करीब 200 मीटर पर है। प्रशासन ने यहां दिन-रात सुरक्षा के साथ ही सीसीटीवी लगवाया है। ताकि कोई घटना न हो सके।