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Heavy Rain Alert: इन तीन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, जानिए अन्य राज्यों में क्या रहने वाला है मौसम का हाल

Heavy Rain Alert: लौटने से पहले मानसून कई राज्यों में भारी बारिश करवा रहा है। मौसम विभाग ने ताजा पूर्वानुमान में कहा है कि उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा कई और राज्यों में भी सक्रिय मानसून की वजह से हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है।

नई दिल्ली। लौटने से पहले मानसून कई राज्यों में भारी बारिश करवा रहा है। मौसम विभाग ने ताजा पूर्वानुमान में कहा है कि उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में मंगलवार तक मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। असम के अलावा पूर्वोत्तर के राज्यों में 4 अक्टूबर तक काफी बारिश होने के भी आसार हैं। मेघालय में भारी बारिश देखी जा सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप में भी काफी बारिश होगी।

मौसम विभाग के अनुसार बिहार में बुधवार तक मध्यम दर्जे की बारिश जारी रहने वाली है। बिहार में बाढ़ के कारण 12 जिलों में 1 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण कोसी और गंडक का स्तर बढ़ने से बिहार में कई जगह जलप्रलय जैसी स्थिति है। पुनपुन नदी का स्तर भी बढ़ा है और इससे बिहार के पटना जिले में बाढ़ आई है। अब गंगा का स्तर भी बढ़ने की आशंका है और इससे बिहार में और भी जगह हाहाकार मच सकता है। अगर गुजरात की बात करें, तो यहां भी मौसम विभाग ने भरूच, वडोदरा, आणंद, पंचमहल, छोटा उदयपुर, खेड़ा, दाहोद, भावनगर और अमरेली जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है।

मौसम विभाग का कहना है कि 1 अक्टूबर से ज्यादातर राज्यों में मौसम साफ हो जाएगा। मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि सितंबर के महीने में हर हफ्ते बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। इससे चक्रवात जैसे हालात पैदा होंगे। मौसम विभाग की ये भविष्यवाणी सटीक रही है। मौसम विभाग ने ये भविष्यवाणी भी की है कि इस साल कड़ाके की ठंड भी पड़ेगी। इससे पहले इस साल भीषण गर्मी होने की मौसम विभाग की चेतावनी भी हकीकत में बदलते सभी ने देखी है। इन सबकी वजह ला नीना का प्रभाव है। जिसमें जमीन के साथ ही समुद्र की सतह भी गर्म हो जाती है। इससे पहले एल नीनो का प्रभाव देखा जा रहा था। जिसमें समुद्र की सतह का तापमान जमीन से कम होता है। इसी वजह से 2023 तक कम बारिश हो रही थी।