
नई दिल्ली। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Bhumi) इस वक्त काफी चर्चा में बनी हुई है। जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर काफी लोकप्रिय है। इसकी लोकप्रियता के चलते न सिर्फ भारत बल्कि विदेशी लोग भी यहीं दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसकी लोकप्रियता के कारण मंदिर के आस-पास मौजूद व्यापारियों को भी काफी मुनाफा होता है। हालांकि मथुरा जिला अदालत द्वारा दिए गए एक आदेश के एक आदेश की वजह से यहां व्यापारियों के दिलों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। मथुरा जिला अदालत द्वारा आदेश दिया गया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही मस्जिद का सर्वे किया जाए। आज इसी मामले पर कोर्ट का अहम फैसला आने की उम्मीद है। चलिए अब आपको विस्तार से बताते हैं क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद और क्यों आमने-सामने है इस मामले में हिन्दू-मुस्लिम पक्ष…
क्यों हो रहा है श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद 13.37 एकड़ की जमीन को लेकर है। यहां श्रीकृष्ण जन्मभूमि 11 एकड़ में बनी हुई है। वहीं, इसी से सटकर बना है शाही ईदगाह मस्जिद। ये शाही ईदगाह मस्जिद 2.37 एकड़ हिस्से में बनी हुई है। हिन्दू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि जिस जगह पर ये शाही ईदगाह बनी है वो जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि की ही है और अगर वहां खुदाई की जाती है तो वहां से हिन्दू मंदिर के कोई न कोई अवशेष जरूर मिलेंगे। अब हिन्दू पक्ष के इस दावे के बाद से ही माहौल गर्माया हुआ है। उधर मुस्लिम पक्ष (Shri Krishna Bhumi-Idgah Case) भी इस दावे के विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है।
हिन्दू पक्ष ने की है ये मांग
मस्जिद को लेकर हिन्दू पक्ष की तरफ से मांग की गई है कि वो जमीन जहां मस्जिद बनी हुई है वो श्रीकृष्ण जन्मभूमि की ही है ऐसे में उस जमीन पर हक भी हिन्दुओं का होना चाहिए। मस्जिद को इस जगह से हटाकर किसी दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। हालांकि बीते 15 अप्रैल को आखिरी बहस के बाद मथुरा की जिला अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज 20 मार्च को इसी फैसले को कोर्ट सुना सकता है।
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट कमीशन नियुक्त करके शाही ईदगाह का सर्वे भी करा सकती है। अब देखना होगा कि कोर्ट के इस फैसले में हिन्दू या मुस्लिम किस पक्ष के लिए अच्छी खबर निकलकर सामने आती है।