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Rajasthan: अशोक गहलोत के कांग्रेस राज में दलित महिला का रेप, पुलिस ने भगाया तो कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ

तीन महीने तक महिला को जब इंसाफ नहीं मिला, तो उसने कोर्ट में अर्जी दी। आखिरकार कोर्ट के आदेश पर पुलिस को रेप और किडनैपिंग का केस दर्ज करना पड़ा। महिला ने इस मामले में चार बदमाशों नरेंद्र, श्योजी, बबलू और नरेश का नाम अपनी एफआईआर में लिखाया है।

जयपुर। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत तमाम नेताओं को बीजेपी शासित राज्यों में घटनाएं भी बहुत बड़ी दिखती हैं और वे इस पर हंगामा मचाते हैं, लेकिन दिया तले अंधेरा की कहावत खुद कांग्रेस पर लागू हो रही है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और वहां महिलाओं से एक तरफ अपराध ही अपराध हो रहे हैं, वहीं, राहुल और प्रियंका इन मामलों में तब भी चुप रहते हैं, जब राजस्थान की पुलिस ऐसे मामलों पर कार्रवाई नहीं करती। तमाम ऐसे मामले पहले हो चुके हैं और ताजा मामला अब जयपुर में आया है। जयपुर में एक रेप पीड़िता की रिपोर्ट ही पुलिस ने नहीं लिखी।

RAPE

ये मामला कानौता थाना इलाके का है। यहां एक दलित विवाहिता ने आरोप लगाया कि उसका किडनैप कर रेप किया गया। महिला थाने गई, लेकिन उसकी शिकायत दर्ज करने की जगह पुलिस ने उसे टरका कर वापस भेज दिया। तीन महीने तक महिला को जब इंसाफ नहीं मिला, तो उसने कोर्ट में अर्जी दी। आखिरकार कोर्ट के आदेश पर पुलिस को रेप और किडनैपिंग का केस दर्ज करना पड़ा। महिला ने इस मामले में चार बदमाशों नरेंद्र, श्योजी, बबलू और नरेश का नाम अपनी एफआईआर में लिखाया है। थाने में केस क्यों नहीं दर्ज हुआ, इसकी जांच अब आरपीएस अफसर मेघचंद मीणा कर रहे हैं।

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महिला के मुताबिक वो 35 साल की है। चारों बदमाशों ने इस साल पहली जनवरी को उसे जबरन अगवा कर लिया। उसके साथ रेप किया गया। महिला की बेटियों ने इसका विरोध किया, तो बदमाशों ने पिटाई की। बेटियों को भी चारों ने बंधक बना लिया और उनसे भी अश्लील हरकत की। बच्चियां गुहार लगाती रहीं, लेकिन बदमाश अपराध करते रहे। महिला का आरोप है कि पुलिस ने सहयोग करने की जगह उसे थाने से भगा दिया। बाद में कोर्ट के आदेश पर पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया।