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PT Usha: हिंदी में पीटी उषा ने ली राज्यसभा की सदयस्ता तो तालियों से गुंजा सदन, फिर उपराष्ट्रपति ने कहा कुछ ऐसा कि हंस पड़े सभी सांसद, जानिए क्या है पूरा किस्सा

PT Usha: होता कुछ यूं है कि जब राज्यसभा में शपथ ग्रहण के लिए पीटी उषा का नाम पुकारा जाता है तो वहां मौजूद सभी उनका मेच को थपथपाकर स्वागत करते हैं। फिर जैसे ही पीटी उषा हिंदी में शपथ लेना शुरू करती है तो सदन तालियों की गुंज से भर उठता है।

नई दिल्ली। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीटी उषा और फिल्म कंपोजर और संगीतकार इलैयाराजा, वीरेंद्र हेगड़े और वी. विजयेंद्र प्रसाद को राज्यसभा भेजे जाने की जानकारी सार्वजनिक की थी। बीते दिन 20 जुलाई को राज्यसभा के लिए मनोनीत और पूर्व ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी उषा ने सांसद पद शपथ ली। राज्यसभा अध्यक्ष एवं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उन्हें शपथ दिलवाई। हालांकि जिस वक्त पीटी उषा ने सांसद पद शपथ ली उस वक्त काफी रोमांचक माहौल देखने को मिला।

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राज्यसभा में कुछ तरह हुआ स्वागत

दरअसल, होता कुछ यूं है कि जब राज्यसभा में शपथ ग्रहण के लिए पीटी उषा का नाम पुकारा जाता है तो वहां मौजूद सभी उनका मेच को थपथपाकर स्वागत करते हैं। फिर जैसे ही पीटी उषा हिंदी में शपथ लेना शुरू करती है तो सदन तालियों की गुंज से भर उठता है। इतना ही नहीं, शपथ लेने के बाद जब पीटी उषा ने वहां मौजूद सदस्यों का अभिवादन करती है तो इसी बीच वेंकैया नायडू ने एक ऐसी टिप्पणी कर देते हैं जिससे सदन में मौजूद सांसद हंस पड़ते हैं।

वेंकैया नायडू ने क्या की टिप्पणी

सदन में जब पीटी उषा शपथ ले लेती हैं तो उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कहते हैं ‘श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगी, मालूम है ना सबको?’। उपराष्ट्रपति के इस टिप्पणी को सुनने के बाद सदन में मौजूद सभी सदस्य ठहाके लगाके हंस पड़ते हैं। इसके बाद पीटी उषा ने उपराष्ट्रपति का अभिवादन करती हैं और जाकर अपनी सीट की तरफ चली जाती है। अब सोशल मीडिया पर यही वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस वीडियो पर अब तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।

कौन हैं पीटी उषा

पीटी उषा केरल के कोझीकोड जिले के एक छोटे से गांव में जन्मी हैं। वो भारत की सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक हैं। पीटी उषा देशभर में उन लाखों युवा लड़कियों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा रही हैं, जिन्होंने खेल, विशेष रूप से ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में अपना करियर बनाने का सपना देखा है। लोकप्रिय रूप से पय्योली एक्सप्रेस के रूप में जानी जाने वाली हैं। उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया है और विश्व जूनियर आमंत्रण मीट, एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई खेलों सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीते हैं।

अपने करियर के दौरान पीटी उषा ने कई राष्ट्रीय और एशियाई रिकॉर्ड बनाए और तोड़े।1984 के ओलंपिक में, वह फोटो-फिनिश में ट्रैक और फील्ड में भारत का पहला पदक जीतने से चूक गईं क्योंकि वह महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रहीं और 1/100 सेकंड से कांस्य पदक हार गईं। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स की शुरुआत की, जो प्रतिभाशाली युवाओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करता है। उनके द्वारा प्रशिक्षित और प्रशिक्षित कई एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करने और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने के लिए आगे बढ़े हैं। यह अपने आप में प्रेरक है-निस्वार्थ रूप से युवा प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करना। वह अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री की प्राप्तकर्ता हैं।