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Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान में कफ सिरफ से हुई बच्चों के मौत मामले में स्वास्थ्य मंत्री सख्त, आरोपी दवा कंपनी के खिलाफ उठाया ये बड़ा कदम

Uzbekistan Cough Syrup Death: उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारतीय दवा डॉक-1 मैक्स के सेवन से हमारे बच्चों की मौत हो गई। इस दवा की पिछले एक हफ्ते में तीन चार खुराक बच्चों को दी गई थी। उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय के इन आरोपों के बाद भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरफ से हुए बच्चों के कथित मौत को लेकर नोएडा स्थित दवा कंपनी मौरियन बायोटेक सवालों के घेरे में है। उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय का आरोप है कि भारतीय कफ सिरफ के सेवन से 18 बच्चों की मौत हुई है। वहीं, भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। विदित हो कि गत गुरुवार को दवा कंपनी ने उक्त मामले पर बयान जारी कर जांच के आदेश दिए थे। उधर, आज स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने नोएडा स्थित आरोपी कंपनी मौरियन बायोटेक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। यह वही कंपनी है, जिनकी दवाओं के सेवन से उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत हो गई और कथित तौर पर कई हताहत हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामले को लेकर कंपनी से रिपोर्ट तलब की है।

Mansukh Mandaviya In Geneva

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आरोपी कंपनी मौरियन बायोटेक को आगामी 29 दिसंबर तक कफ सिरप के उत्पादन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने खुद इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘निरीक्षण के बाद @CDSCO_INDIA_INF टीम ने खांसी की दवाई Dok1 Max में संदूषण की रिपोर्ट के मद्देनजर नोएडा इकाई में मैरियन बायोटेक की सभी निर्माण गतिविधियों को कल रात रोक दिया गया है, जबकि आगे की जांच जारी है।

दरअसल, उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारतीय दवा डॉक-1 मैक्स के सेवन से हमारे बच्चों की मौत हो गई। इस दवा की पिछले एक हफ्ते में तीन चार खुराक बच्चों को दी गई थी। उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय के इन आरोपों के बाद भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने सबसे पहले पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सकें। अब इस पूरे मामले की जांच के बाद क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उज्बेकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया है। इससे पहले कंपनी ने अपने जारी बयान में कहा था कि इस दवा का निर्यात महज उज्बेकिस्तान में ही किया जाता है। वहीं, पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटरी टीम ने यूपी ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी को भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उधर, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने बयान में कहा कि यूपी ड्रग कंट्रोल और CDSCO टीम ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक का औचक निरीक्षण किया था।