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GST Council Meeting: जीएसटी कॉउन्सिल की बैठक में आम आदमी की जेब पर जोर का फटका, स्वास्थ्य और जीवन बीमा का नहीं घटेगा प्रीमियम, शेयर मार्केट में भी होगा असर

GST Council Meeting: वर्तमान में, स्वास्थ्य बीमा, टर्म लाइफ इंश्योरेंस और यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) पर 18% जीएसटी लागू है। वहीं, एंडोमेंट प्लान के लिए पहले वर्ष में 4.5% और उसके बाद 2.25% की दर से जीएसटी लिया जाता है। जीवन बीमा की सिंगल प्रीमियम एन्युटी पॉलिसी पर 1.8% जीएसटी लागू होता है। ये दरें सभी आयु वर्ग पर समान रूप से लागू होती हैं।

नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स घटाने का प्रस्ताव फिलहाल टाल दिया गया है। मंत्रियों के समूह (GOM) ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कटौती का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

क्या है मौजूदा स्थिति?

वर्तमान में, स्वास्थ्य बीमा, टर्म लाइफ इंश्योरेंस और यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) पर 18% जीएसटी लागू है। वहीं, एंडोमेंट प्लान के लिए पहले वर्ष में 4.5% और उसके बाद 2.25% की दर से जीएसटी लिया जाता है। जीवन बीमा की सिंगल प्रीमियम एन्युटी पॉलिसी पर 1.8% जीएसटी लागू होता है। ये दरें सभी आयु वर्ग पर समान रूप से लागू होती हैं।


फैसला क्यों टाला गया?

जीएसटी परिषद ने बताया कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर दरें घटाने से पहले अधिक स्पष्टीकरण और व्यापक रिपोर्ट की आवश्यकता है। इसके लिए मंत्रियों के समूह को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी रिपोर्ट में और विस्तार से जानकारी प्रस्तुत करें। इससे स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर किसी भी निर्णय से पहले गहन समीक्षा करना चाहती है।

क्या हैं सिफारिशें?

1. जीवन बीमा पर छूट: परिवार को कवर करने वाली शुद्ध अवधि जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट देने का प्रस्ताव रखा गया है।

2. सीनियर सिटीजन के लिए रियायत: बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट का सुझाव दिया गया है।

3. पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स कटौती: व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव रखा गया है, हालांकि इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का विकल्प नहीं होगा।


आगे क्या होगा?

इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में लिया जाएगा। फिलहाल, लोग पुराने टैक्स रेट के तहत ही प्रीमियम का भुगतान करते रहेंगे।