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Agnipath Scheme Protest: अग्निपथ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नाम पर उपद्रव करने वालों की आई शामत, अब तक 142 गिरफ्तार

Agnipath Scheme Protest:  उधर, हिंसा में संलिप्त 100 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार की तरफ से निर्देश दिए जा चुके हैं कि आरोपियों के खिलाफ तनिक भी उदारवादी रवैया न अपनाया जाए। अपनी बात शासन तक पहुंचाने के लिए जिस तरह विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया जा रहा है, वह बिल्कुल भी उचित नहीं है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने यमुना एक्सप्रेस वे आग लगा दी थी।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ के विरुद्ध हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन करन वाले युवाओं के खिलाफ एक या दो नहीं, बल्कि उन सभी राज्यों की पुलिस अब एक्शन मोड में आ चुकी है, जहां से हिंसा की गई है। अब तक विभिन्न राज्यों की पुलिस ने हिंसा में संलिप्त कुल 142 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, इन उपद्रवियों की घटनास्थल पर मौजूदा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किया जा रहा है। आगामी दिनों में इनकी संख्या में इजाफा देखने को मिल सकता है। वहीं, प्रदेश सरकार की तरफ से भी पुलिस प्रशासन को साफ निर्देश दिए जा चुके हैं कि हिंसा में संलिप्त आरोपियों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उधर, केंद्र सरकार का कहना है कि विरोधी खेमों के सियासी नुमाइंदे युवाओं को बहका कर उनसे हिंसा करवाने की कोशिश कर रहे हैं  और यह सब कुछ अपने राजनीति फायदे के लिए करवा रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने तो यहां तक कह दिया है कि इस विरोध प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व शामिल हो चुके हैं, लिहाजा ऐसे सभी लोगों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उधर, विभिन्न राज्यों में हुई हिंसा के बाद अब पुलिस एक्शन मोड में आ चुकी है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो चुका है। आइए, हम आपको इसी संदर्भ में आगे की रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी दिए चलते हैं।

उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन की बोगी को फूंक दिया.

बिहार में दंगाइयों की खैर नहीं

बता दें कि अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध के स्वर सबसे पहले बिहार से ही उठा था, जिसके बाद यह जिस तेजी के साथ विभिन्न राज्यों में पहुंची है, उससे हम सब वाकिफ ही हैं। नालंदा और एक मगध एक्सप्रेस को  जिस तरह विरोध प्रदर्शन के नाम पर आग के हवाले किया गया है, उसे पूरे देश ने देखा है। अब पुलिस ने 650 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं, 16 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। बिहिया रेलवे स्टेशन को भी बाधित किया गया है। इतना ही नहीं, टिकट काउंटर से भी 3 लाख रुपए लूट लिए गए। प्रदर्शनकारियों ने जीआरपी से लूट लिए गए हैं। वहीं, बिहिया थाना पुलिस प्रभारी पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया है। अब तक उक्त मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।11 पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए है। वहीं, एहतियात बरतते हुए सभी संवेदनशील स्थानों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। वहीं, लखीसराय स्टेशन के विक्रिम शीला एक्सप्रेस ट्रेन को प्रदर्शनकारियों द्वारा बाधित कर दिया गया है।

यूपी से 100 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

उधर, हिंसा में संलिप्त 100 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार की तरफ से निर्देश दिए जा चुके हैं कि आरोपियों के खिलाफ तनिक भी उदारवादी रवैया न अपनाया जाए। अपनी बात शासन तक पहुंचाने के लिए जिस तरह विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया जा रहा है, वह बिल्कुल भी उचित नहीं है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने यमुना एक्सप्रेस वे आग लगा दी थी। हालांकि, अब ऐसा करने वालों की धरपकड़ शुरू हो चुकी है। वही, प्रदर्शनकारियों ने यमुना एक्सप्रेस वे पर मौजूद बस को भी आग के हवाले कर दिया था। अलीगढ़ जिले की खैर तहसील के जट्टारी नगर पंचायत के BJP चेयरमैन राजपाल सिंह की स्कॉर्पियो फूंक दी गई। अलीगढ़ के टप्पल में पहुंचे आगरा जोन के ADG राजीव कृष्ण की सरकारी गाड़ी की ग्लास को भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया था। उधर, वाराणसी से भी तोड़फोड़ की खबर सामने आई है। बलिया में भी प्रदर्शनकारियों ने बस को फूंक दिया। बहरहाल, सीसीटीवी फुटेज आधार पर हिंसा में संलिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया चुका है। राज्य सरकार की तरफ से साफ कहा जा चुका है कि हिंसा में संलिप्त किसी भी शख्स को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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हिंसा की आग में झुलसी राजधानी दिल्ली भी    

वहीं, विभिन्न राज्यों की भांति केंद्र सरकार की योजना को लेकर राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन देखने को मिला है। बता दें कि आईटीओ पर एआईएसए के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते दिखें। विरोध प्रदर्शन की वजह से आईटीओ के मेट्रो गेट को भी बंद कर दिया गया था। तो इस तरह से एक या दो नहीं, बल्कि विभिन्न राज्यों में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को चिन्हित कर उनकी धरपकड़ शुरू हो चुकी है। हालांकि, पूर्व सैन्याधिकारी प्रदर्शन कर रहे युवाओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे हिंसा का रास्ता अख्तियार न करें। शासन तक अपनी बात पहुंचाने के विभिन्न तरीके होते हैं। हिंसा का रास्ता न अपनाएं। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।