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Ajab-Gazab News: देश के इस हिस्से में जूते-चप्पल पहनने पर मिलती है सजा, जानिए क्या है इस गांव की ये अद्भुत प्रथा?

Ajab-Gazab News: भारत के एक ऐसे हिस्से में एक ऐसा गांव है जहां, जूते चप्पल पहनने पर बैन लगा दिया गया। इस गांव में सभी लोग हमेशा नंगे पैर ही रहते हैं। अगर किसी के पैर में कोई भी फुटवियर मिलती है तो उसे सजा दे दी जाती है।

नई दिल्ली। आजकल फैशन के दौर में हर व्यक्ति कपड़ों के साथ-साथ जूतों का भी ख्याल रखता है। लोग सुंदर और आकर्षक जूते चप्पलों के साथ, कपड़ों से उनकी मैचिंग का भी ख्याल रखते हैं। एक समय था, जब लोग जूते चप्पल नहीं पहनते थे। नंगे पैर ही पूरी दुनिया घूम आते थे। हालांकि, दक्षिण भारत में भी कुछ लोग जूते चप्पल नहीं पहनते, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि वो लोग कभी भी फुटवियर पहनते ही नहीं हैं। लेकिन क्या हो जब आपको जूते चप्पल पहनने ही न दिए जाएं और उन्हें पहनने पर सजा मुकम्मल कर दी जाए। शायद आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन भारत के एक ऐसे हिस्से में एक ऐसा गांव है जहां, जूते चप्पल पहनने पर बैन लगा दिया गया। इस गांव में सभी लोग हमेशा नंगे पैर ही रहते हैं। अगर किसी के पैर में कोई भी फुटवियर मिलती है तो उसे सजा दे दी जाती है। ‘कलिमायन’ नाम का ये गांव तमिलनाडु के चेन्नई शहर से करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। करीब एक सौ तीस परिवारों की आबादी वाले इस गांव में ज्यादातर किसान है।

इस गांव के प्रवेश पर ही एक बड़ा सा पेड़ है। इस पेड़ में लोगों की आस्था बसती है और वो यहां पूजा-पाठ भी करते हैं। ये पेड़ पैरों में जूते चप्पल पहनने की सीमा रेखा मानी जाती है। यहां से गांव के भीतर जाने से पहले लोगों को अपने पैरों से जूते-चप्पल निकाल कर हाथ में पकड़ने पड़ते हैं। इसके पीछे गांव वालों की धार्मिक मान्यता है। उनके अनुसार, उनका पूरा गांव को भगवान का घर है। ये लोग कड़कती धूप और कड़कड़ाती ठंड में भी सड़क पर नंगे पैर ही चलते हैं। उनका ऐसा मानना है कि जूते पहनने से भगवान का अपमान होगा और वो रूठ जाएंगे।

गांवो वालों के अनुसार, उनका पूरा गांव ही एक मंदिर है, अगर कोई भी व्यक्ति इस धार्मिक स्थल पर जूते-चप्पल पहनकर आएगा, तो भगवान उसे कड़ी सजा देंगे। वो बीमार हो जाएगा। उसे तेज बुखार या कोई लाइलाज बीमारी हो जाएगी। हालांकि, अत्यधिक बुजुर्ग लोगों को गर्मी के दिनों में दोपहर के समय जूते पहनने की इजाजत दी गई है। गांव के लोग इस नियम का कड़ाई से पालन करते हैं। बेहद बुजुर्ग लोगों के अलावा किसी के पैरों में जूते दिखने पर उसे कठोर दंड दिया जाता है।