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UP: योगी सरकार में मदरसों में गूंजने लगे संस्कृत के श्लोक, मौलाना लगाने लगे अपने नाम में चतुर्वेदी, कट्टरपंथियों के बीच हड़कंप

मेरठ के रहने वाले मौलाना मशहूद उर रहमान शाहीन जमाली चतुर्वेदी अपने मदरसे में आने वाले छात्रों को संस्कृत का श्लोक सुनाते हैं और उन्हें श्लोक को स्मरण करने के लिए उत्साहित करते हैं। मौलाना अपने नाम के पीछे चुतर्वेदी भी लगाते हैं।

नई दिल्ली। जरा सोचिए। किसी मदरसे में अगर कुरान की आयतों की जगह वेदों के श्लोक सुनाई दें तो आपको कैसा लगेगा। अगर किसी मौलाना को वैदों से बेइंहदा मोहब्बत हो जाए। जरा सोचिए। आपको कैसा लगेगा। अगर कोई मौलाना वैदों की वकालत करने पर उतर आए और तो और अपने मदरसों में आने वाले बच्चों को कुरान के आयतों के साथ संस्कृत के श्लोक भी पढ़कर सुनाए तो आपको कैसा लगेगा। क्यों…क्या हुआ…हो रहे हैं ना आप यह सबकुछ पढ़ने के बाद हैरान….! तो साहब ज्यादा हैरान मत होइए क्योंकि हम आपको आगे जो बताने जा रहे हैं, वो कोई कहानी, किस्सा या पठकथा नहीं, बल्कि एक सच्चाई है, वो सच्चाई जिससे वाकिफ होने के बाद कट्टरपंथियों की जमात अब खौफ के साए में जीने को मजबूर हो चुकी है। आइए, आगे आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।

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जानें पूरा माजरा

दरअसल, मेरठ के रहने वाले मौलाना मशहूद उर रहमान शाहीन जमाली चतुर्वेदी अपने मदरसे में आने वाले छात्रों को संस्कृत का श्लोक सुनाते हैं और उन्हें श्लोक को स्मरण करने के लिए उत्साहित करते हैं। मौलाना अपने नाम के पीछे चुतर्वेदी भी लगाते हैं। बता दें कि चतुर्वेदी ब्राहण समुदाय में वे लोग लगाते हैं, जिन्हें चारों वेदों का ज्ञान होता है। यह मैलाना भी अपने नाम में चतुर्वेदी शब्द का इस्तेमाल करते हैं। ये बताते हैं कि इनके पिता भी अपने नाम के पीछे चतुर्वेदी लगाते थे। इनके पिता को भी वेदों से बड़ा लगाव था और इन्हें भी है। इन्होंने आगे कहा कि यह पिछले 135 सालों से अपना मदरसा संचालित कर रहे हैं और अपने मदरसे में आने वाले हर छात्र को वेदों के ज्ञान को अर्जित करने के लिए प्रेरित करते हैं।

आधुनिक शिक्षा से जोड़ने का कर रहे हैं काम

बता दें कि मदरसों की शिक्षा पद्धति हमेशा से ही आलोचना का पात्र रही है। जिसे अब बदलने का बीड़ा अपने कांधे पर मौलाना ने उठा लिया है। वे अपने मदरसे में रोजगारपरक तालीम बच्चों को दे रहे हैं। वे अपने मदरसे में बच्चे को पर्सेनेलटी डेवलेमेंट से लेकर अन्य प्रकार की शिक्षा मुहैया करा रहे हैं।

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पढ़ाते हैं एकता का पाठ भी

मौलाना का कहना है कि ऐसे वक्त में जब समाज में नफरत का बोलबाला अपने चरम पर पहुंच चुका है, तो हमारी कोशिश है कि हम अपनी तालीम को सामाजिक समरसता के रंग से रंगे। लिहाजा, हमारी कोशिश ऐसी रहती है कि हम ऐसी शिक्षा को प्रचारित करे जिससे समाज में भाईचारे की भावाना बढ़े। बहरहाल, इस उपरोक्त प्रसंग को पढ़ने के बाद आपके जेहन में क्या कुछ ख्याल आता है। आप हमारे साथ साझा करना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने क लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम