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TV Channels: CAA प्रोटेस्ट के बाद पंत एक्सीडेंट की रिपोर्टिंग पर आईएनबी ने जताई नाराजगी, टीवी चैनलों को दी ये हिदायत

TV Channels: आईएनबी मिस्ट्री ने टीवी चैनलों को लगाई फटकार में कहा कि चैनलों में शवों की तस्वीरें, बच्चों की पिटाई का वीडियो सहित अन्य अमर्यादित तस्वीरों को भी टीवी स्क्रिन पर दिखाने गुरेज नहीं किया गया। खासकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर तस्वीरों और वीडियो को लेकर टीवी पर प्रसारित किया गया है, उस पर अंकुश लगना चाहिए।

नई दिल्ली। यह दूसरी मर्तबा है, जब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताई है। इससे पहले सीएए की मीडिया कवरेज को लेकर टीवी चैनलों को फटकार लगाई गई थी। अब यह दूसरी मर्तबा है कि जब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग पर नाराजगी जाहिर कर दिशानिर्देशों का पालन करने की हिदायत दी है। मंत्रालय ने पंत के दुर्घटना की रिपोर्टिंग के दौरान लांघी गई मर्यादाओं की याद दिलाकर निकट भविष्य में इसके पुनरावृत्ति पर आपत्ति जताई गई है। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्रालय ने टीवी चैनलों को अपनी फटकार में क्या कुछ कहा है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि पंत दुर्घटना में टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग गरिमा को प्रभावित करने वाली रही है। मंत्रालय ने कहा कि टीवी चैनलों पर घायल शरीर, दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी कार को प्रसारित करके सीमाओं का अतिक्रमण किया गया। टीवी मीडिया को किसी भी मामले की रिपोर्टिंग के दौरान अपनी सीमाओं का उल्लंघन करने से गुरेज करना चाहिए। उसे आम दर्शकों की संवेदशीलता का भी लिहाज रखना चाहिए। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि टीवी चैनलों ने अपनी सीमाओं को लांघते हुए शवों को दिखाने से गुरेज नहीं किया है, जिसे एक असंवेदनशील रवैया कहा जा सकता है।

आईएनबी मिस्ट्री ने कहा कि चैनलों पर शवों की तस्वीरें, बच्चों की पिटाई का वीडियो सहित अन्य अमर्यादित तस्वीरें प्रसारित की गई। खासकर जिस तरह से सोशल मीडिया पर तस्वीरों और वीडियो को लेकर टीवी पर प्रसारित किया गया है, उस पर अंकुश लगना चाहिए। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से टीवी चैनलों से दिशानिर्देंशों का पालन करने की अपील की गई है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इन दिशानिर्देशों के जवाब में टीवी चैनलों की प्रतिक्रिया कैसी रहती है।

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इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन यहां आप एक बात जान लीजिए कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से इस तरह के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, बल्कि इससे पहले भी ऐसे ही दिशानिर्देश जारी किए गए थे। आपको बता दें कि इससे पहले सीएए के विरोध में पूर्वी दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग पर भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नाराजगी जाहिर की है। मंत्रालय ने तब टीवी चैनलों को हिदायत देते हुए कहा था कि टीवी पर किसी भी ऐसी तस्वीर, वीडियो और कंटेट को प्रसारित करने से रोक लगनी चाहिए, जो कि समाज में हिंसा को बढ़ावा दे।