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भूटान के उस क्षेत्र में भारत करेगा सड़क निर्माण जहां अपना दावा ठोंका था चीन ने

भारत भूटान के यती क्षेत्र में एक सड़क बनाने की योजना बना रहा है। इससे गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश के तवांग की दूरी 150 किलोमीटर घट जाएगी।

नई दिल्ली। भारत-भूटान के यती क्षेत्र में एक सड़क बनाने की योजना बना रहा है। इससे गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश के तवांग की दूरी 150 किलोमीटर घट जाएगी। भूटान के यती क्षेत्र को चीन ने हाल ही में अपना अधिकार जताया था। यह सड़क बन जाने से भारत को रणनीतिक तौर पर फायदा होगा। क्योंकि यह चीन की सीमा से लगती हुई निकलेगी।

यह सड़क बन जाने के बाद भारत चीन से कई गुना ज्यादा तेजी से अपनी सीमाई इलाकों में फौज तैनात कर सकती है। सिर्फ तवांग ही नहीं, बल्कि पूरे भूटान के पूरे पूर्वी इलाके और उत्तर पूर्वी राज्यों की चीन से सटी सीमाओं पर सेना जल्दी पहुंच सकती है।

अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, भारत सरकार ने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को सड़क बनाने का काम सौंप दिया है। यह सड़क तवांग के पास स्थित लुमला को भूटान के त्राशीगांग से जोड़ेगा। यहां से थिंपू नजदीक हो जाएगा. साथ ही भारतीय सीमा भी। इससे भारत और भूटान की सुरक्षा बढ़ जाएगी। साथ ही कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।

एक्सपर्ट्स की माने तो चीन ने हाल ही में भूटान के सुदूर पूर्वी इलाके पर अपना अधिकार जताने का प्रयास किया था। यह इलाका अरुणाचल प्रदेश के उस 90 हजार वर्ग किलोमीटर लंबे-चौड़े हिस्से से जुड़ा है, जिसपर चीन अपना स्वामित्व बताता है। वह एक तीर से दो शिकार करने की तैयारी में था।

चीन ये दावा करता है कि तवांग उसका हिस्सा है क्योंकि तिब्बत पर उसका पूर्ण नियंत्रण है। छठें दलाई लामा तवांग में पैदा हुए। जबकि, वर्तमान दलाई लामा तवांग के जरिए ही भारत में आकर रह रहे हैं।