
नई दिल्ली। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी 2025 की रिपोर्ट में भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों के हालात को चिंताजनक बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है। साल 2024 में भारत में धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। इसी के साथ आयोग ने भारत को विशेष चिंता वाली श्रेणी में रखे जाने की सिफारिश की है। इतना ही नहीं भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग आयोग द्वारा उठाई गई है। रॉ पर खालिस्तान समर्थकों की हत्या की साचिश रचने का शक जताया गया है। वहीं भारत ने अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग को खुद चिंता का विषय माना जाना चाहिए।
Our response to media queries regarding the 2025 Annual Report of United States Commission on International Religious Freedom⬇️
🔗 https://t.co/c5tAF1INZ3 pic.twitter.com/PvpwbZHv5u
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) March 26, 2025
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट की कड़े शब्दों निंदा करते हुए कहा कि यह जानबूझकर फैलाया गया पक्षपातपूर्ण एजेंडा है। इसके जरिए भारत की जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस तरह के प्रयास के जरिए भारत की प्रतिष्ठा को खराब करने के उद्देश्य में सफलता नहीं मिलने वाली। जायसवाल बोले, USCIRF ने कुछ छिटपुट घटनाओं को गलत तरीके से पेश किया है जो यह दर्शाता है कि ये उसकी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए वास्तविक चिंता नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ साजिश है।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि भारत में अलग-अलग धर्म और संप्रदाय को मानने वाले 140 करोड़ लोगों की आबादी निवास करती है। हालांकि, हमें USCIRF से इस बात की जरा भी उम्मीद नहीं है कि वह कभी यह स्वीकार करेगा या इस बात को दिखाने की कोशिश करेगा कि भारत में अलग-अलग धर्म, जाति, समुदाय और सभ्यता के लोग किस तरह से एक-दूसरे के साथ मिल जुलकर रहते हैं।