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Russian Crude Oil: ‘भारत ने सस्ता रूसी तेल खरीदकर वैश्विक तेल बाजार पर किया था बड़ा अहसान’, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बड़ा बयान

Russian Crude Oil: हरदीप सिंह पुरी ने जोर देते हुए कहा कि रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध नहीं थे, बल्कि एक मूल्य सीमा (प्राइस कैप) लगाई गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय तेल कंपनियों ने इस मूल्य सीमा का पालन करते हुए ही तेल खरीदा है। पुरी ने कहा कि कुछ “अज्ञानी कमेंटेटर्स” ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी, जबकि सच्चाई यह है कि कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने भी रूस से अरबों डॉलर का कच्चा तेल, डीजल, एलएनजी और अन्य महत्वपूर्ण खनिज खरीदे हैं।

नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में बयान दिया कि भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर वैश्विक बाजार पर एक बड़ा अहसान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा कर कहा कि अगर भारत ने यह कदम नहीं उठाया होता, तो अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती थीं। पुरी का यह बयान भारत द्वारा सस्ता रूसी तेल खरीदने की आलोचना करने वालों को जवाब देने के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने अपने पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें वे इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते नजर आ रहे हैं।

रूसी तेल पर नहीं लगे प्रतिबंध, केवल मूल्य सीमा निर्धारित

हरदीप सिंह पुरी ने जोर देते हुए कहा कि रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध नहीं थे, बल्कि एक मूल्य सीमा (प्राइस कैप) लगाई गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय तेल कंपनियों ने इस मूल्य सीमा का पालन करते हुए ही तेल खरीदा है। पुरी ने कहा कि कुछ “अज्ञानी कमेंटेटर्स” ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी, जबकि सच्चाई यह है कि कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने भी रूस से अरबों डॉलर का कच्चा तेल, डीजल, एलएनजी और अन्य महत्वपूर्ण खनिज खरीदे हैं।

सबसे सस्ते स्रोत से ऊर्जा खरीदने की नीति

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत का मुख्य उद्देश्य हमेशा से वही रहेगा कि जो सबसे सस्ते दर पर तेल या ऊर्जा उत्पाद दे, उसी से खरीदा जाए। उन्होंने कहा, “यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का आत्मविश्वास है कि हम अपने नागरिकों के लिए सस्ती और स्थायी ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं। हमारे 7 करोड़ नागरिक हर दिन पेट्रोल पंप पर जाते हैं, और उनके लिए ऊर्जा की affordability हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।”

भारत में तेल के दामों में कमी

पुरी ने कहा कि भारत अकेला ऐसा बड़ा तेल उपभोक्ता देश है, जहां पिछले तीन वर्षों में तेल के दामों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान अन्य देशों में तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता भारत अपनी 80% से अधिक तेल की जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर है। फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल WTI फ्यूचर्स 71.87 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 75.19 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है।