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VIDEO: ‘अगर नहीं रुके मंदिरों पर हमले तो…’, कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमले को लेकर भड़का भारत, दिया ये सख्त संदेश

ध्यान रहे कि इससे पूर्व भी भारत सरकार द्वारा कई मौकों पर विदेशी धरा पर हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की आलोचना की जा चुकी है। इससे ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीय के भारत दौरे के दौरान भी पीएम मोदी ने मंदिरों पर हुए हमलों का मुद्दे उठाया था।

नई दिल्ली। विदेशी धरा पर हिंदू मंदिरों पर शुरू हुआ हमले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला कनाडा से सामने आया है, जहां एक शख्स बीएपीएस मंदिर पर हमला करता हुआ नजर आ रहा है। बता दें कि इस घटना का वीडियो भी प्रकाश में आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक शख्स मंदिर पर हमला कर रहा है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना को संज्ञान में लेने के बाद कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कनाडा में मंदिर पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। कनाडा अधिकारियों को हमने इस प्रकरण से अवगत करा दिया है।

बागची ने कहा कि हमने कनाडा अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और हमने स्पष्ट कह है कि ऐसे कदम उठाए जाए जिससे कि ऐसी घटना पर अंकुश लगे। बागची ने आगे अपने बयान में कहा कि मुझे उम्मीद है कि आगामी दिनों में कनाडा के अधिकारी हमारी बातों को संज्ञान में लेने के बाद गंभीर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। बागची ने आगे कहा हमारी टीम ने सुबह में भी इस मामले के संदर्भ में कड़ी टिप्पणी जाहिर की थी। बहरहाल, भारत विदेश मंत्रालय के कड़े रूख के बाद आगामी दिनों में भारत सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं। ध्यान रहे कि इससे पूर्व भी भारत सरकार द्वारा कई मौकों पर विदेशी धरा पर हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की आलोचना की जा चुकी है। इससे पूर्व ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज के भारत दौरे के दौरान भी पीएम मोदी ने मंदिरों पर हुए हमलों का मुद्दे उठाया था। वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को आश्वस्त किया था कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उनकी सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हमले के मामले सामने आ रहे हैं, जिसे लेकर कई बार भारत सरकार द्वारा कड़ा रुख अख्तियार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। शायद अगर उठाया गया होता, तो आज ऐसी विध्वंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो रही होती, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन घटनाओं को कौन अंजाम दे रहा है। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।