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Drone attack at Jammu air base: भारत ने UN में उठाया ड्रोन हमले का मामला, कांग्रेस नेता ने की केंद्र की तारीफ

Drone attack at Jammu air base: उन्होंने कहा, “जबकि कूटनीतिक/ बैक चैनल वार्ता जारी रहनी चाहिए, लेकिन ड्रोन काउंटर इक्विपमेंट को हल्की गति से खरीदा जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान की ‘क्लोक एंड डैगर’ की नीति है।”

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने मंगलवार को कहा कि भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का मुद्दा उठाना सही दिशा में एक कदम है, लेकिन सरकार को ड्रोन का मुकाबला करने के लिए उपकरण खरीदने पर ध्यान देना चाहिए। शेरगिल ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया, यह सही दिशा में एक कदम है।” लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी कि, मुद्दा उठाने के साथ, भारत को ड्रोन का मुकाबला करने के लिए उपकरणों की खरीद पर ध्यान देना चाहिए । साथ ही, कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा पाकिस्तान से ड्रोन ड्रॉपिंग में वृद्धि पर उठाए गए खतरे के संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।

Jaiveer Shergill

उन्होंने कहा, “जबकि कूटनीतिक/ बैक चैनल वार्ता जारी रहनी चाहिए, लेकिन ड्रोन काउंटर इक्विपमेंट को हल्की गति से खरीदा जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान की ‘क्लोक एंड डैगर’ की नीति है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया है। इस बीच, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जम्मू वायु सेना स्टेशन हमले के मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है। देश में अपनी तरह के पहले आतंकवादी हमले के लिए, 26-27 जून की मध्यरात्रि में भारत में महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों पर बम गिराने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था।

फंस गया पाकिस्तान, भारत ने UN में उठाया जम्मू में ड्रोन हमले का मामला

जम्मू में ड्रोन हमले का मामला भारत ने सयुक्त राष्ट्र में उठाया है। जिसके बाद आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान की मुश्किलें अब और बढ़ सकती है।

दरअसल गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी (VSK Kaumudi) ने इस मामले को लेकर यूएन में कहा कि, आतंकवादी समूहों द्वारा भयानक उद्देश्यों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरा और एक चुनौती है। वीएसके कौमुदी ने आगे कहा कि कम लागत का विकल्प होने की वजह से आतंकियों को आसानी से ड्रोन उपलब्ध हो जाता है।

बता दें कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन के जरिये 26-27 जून की रात पांच मिनट में दो ब्लास्ट किए गए थे।