नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान भारत और रूस (India and Russia) के बीच एक खास डील हुई है, जिसके बाद भारत की ताकत और इजाफा हो जाएगा। इस समिट में पहुंचे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने रूस के साथ एके-47 के सबसे एडवांस वर्जन की राइफल के लिए डील कर ली है। ये डील एके-47 203 के लिए की गई है, जो अब भारत में ही तैयार होंगी। एके-47 203 को एके-47 राइफल्स का सबसे एडवांस्ड वर्जन माना जाता है> यह अब इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम (इंसास) असॉल्ट राइफल की जगह लेगा।
इन दिनों भारत और चीन के बीच तनाव का माहौल है। पूर्वोत्तर राज्यों तक की सीमा पर तनाव जारी है और हाल के ही दिनों में दोनों सेनाओं में झड़प भी हुई है। इसी बीच बेहद एडवाइंस राइफल की डील करना भारत के लिए बेहद अहम है। बता दें कि भारतीय सेना में 1996 से ही इंसास (INSAS) का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन हिमालय की ऊंची चोटियों पर इसमें जैमिंग और मैगजीन के क्रैक होने जैसी समस्याएं सामने आती हैं और एके-47 203 इसका अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
रूस के मुताबिक भारतीय सेना को 7 लाख से भी अधिक एके-47 203 राइफल चाहिए। डील के तहत करीब 1 लाख राइफल तो सीधे रूस से आयात की जाएंगी, जबकि बाकी की भारत में ही तैयार की जानी हैं। भारत में ये राइफल इंडो-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) के संयुक्त ऑपरेशन के तहत बनाई जाएंगी। यह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) और कालाश्निकोव कंसर्न और रोसोबोरोनएक्सपॉर्ट के बीच की गई डील है।
रूस निर्मित AK-203 राइफल दुनिया की सबसे आधुनिक और घातक राइफलों में से एक है. हर राइफल की कीमत 1100 डॉलर हो सकती है। इसमें टेक्नॉलजी ट्रांसफर और उत्पादन इकाई स्थापित करने की कीमत शामिल है। AK-203 बेहद हल्की और छोटी है जिससे इसे ले जाना आसान है। इसमें 7.62 एमएम की गोलियों का इस्तेमाल किया जाता है।
आईआरपीएल में आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) की 50.5% की हिस्सेदारी होगी. इसमें रूस का क्लाशिनकोव ग्रुप 42% का साझेदार होगा। वहीं, रूस की सरकारी एक्सपोर्ट एजेंसी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट बाकी बचे 7.5% की हिस्सेदार होगी। 7.62×39 एमएम की राइफल को उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार किया जाएगा। इस फैक्ट्री का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल किया था।