नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारतीय उच्चायुक्त की भूमिका को संदिग्ध बताए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। भारत ने इस मामले पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली में कनाडाई उप उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया है। इसके साथ ही भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्तों और अधिकारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा कनाडाई पीएम के बयान को बेतुका करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया था।
#WATCH दिल्ली: कनाडाई प्रभारी डी’एफ़ेयर स्टीवर्ट व्हीलर विदेश मंत्रालय से रवाना हुए।
उन्होंने कहा, “…कनाडा ने भारत सरकार के एजेंटों और कनाडा की धरती पर एक कनाडा के नागरिक की हत्या के बीच संबंधों के विश्वसनीय सबूत उपलब्ध कराए हैं। भारत जो कहता है उसे उस पर खरा उतरने का समय आ… pic.twitter.com/SGPSbc0Yta
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 14, 2024
भारतीय विदेश मंत्रलाय का कहना है कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में, ट्रूडो सरकार के कार्यों ने हमारे अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की वर्तमान कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए, भारत सरकार ने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। भारत सरकार ने कनाडाई पीएम के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यह उनके राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है। इसके साथ ही भारत ने इसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नकारात्मक कदम बताया है।
It was underlined that in an atmosphere of extremism and violence, the Trudeau Government’s actions endangered their safety. We have no faith in the current Canadian Government’s commitment to ensure their security. Therefore, the Government of India has decided to withdraw the… pic.twitter.com/WUOQAV4SIc
— ANI (@ANI) October 14, 2024
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से ट्रूडो के बयान की आलोचना करते हुए इसे भारत विरोधी अलगाववादी खालिस्तानी समर्थकों को बढ़ावा देने वाला बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में इन सभी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उचित ठहराया गया है। कनाडा में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले कुछ लोगों को वहां की नागरिकता देने का भी तेजी से काम किया गया है। इसके अतिरिक्त कनाडा द्वारा उसकी धरती पर रहने वाले भारत विरोधी तत्वों के प्रत्यर्पण की मांग की भी लगातार अनदेखी की जा रही है।
आपको बता दें कि खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के दो महीने बाद सितंबर 2023 में कनाडा की सरकार द्वारा यह आरोप लगाया गया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता है जिसके बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनावपूर्ण चल रहे हैं। इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा कई बार कनाडा की सरकार से उनके द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित सबूत मांगे गए मगर आज तक कोई भी सबूत कनाडाई सरकार उपलब्ध नहीं करा पाई है।