ब्रह्मपुत्र नदी पर डैम बनाने की चीन की चाल का अरुणाचल प्रदेश में इस कदम के जरिए भारत देगा जवाब

India-China: इस मामले में पर सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने भारत(India) की स्थिति को लेकर 30 नवंबर को एक ट्वीट में कहा कि, भारत तीन मोर्चे पर चीन(China) की आक्रामकता का सामना कर रहा है।

Avatar Written by: December 2, 2020 4:04 pm
Brahmputra River

नई दिल्ली। चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना का निर्माण कर रहा है, ऐसे में भारत चीन को माकूल जवाब देने के लिए अब अरुणाचल प्रदेश में एक बहुउद्देश्यीय जलाशय के निर्माण का प्लान पर काम कर रहा है। मंगलवार को जलशक्ति मंत्रालय में आयुक्त (ब्रह्मपुत्र और बराक) टी एस मेहरा ने इस बारे में बताया कि बहुउद्देश्यीय 10,000 मेगावाट की पनबिजली परियोजना पर विचार चल रहा है। इस परियोजना को लेकर मेहरा ने बताया कि, चीन द्वारा जल विद्युत परियोजना के प्रभाव को यह परियोजना संतुलित करने में मदद करेगी। अरुणाचल प्रदेश की सियांग नदी पर प्रस्तावित 9.2 बीसीएम ‘अपर सियांग’ परियोजना से अतिरक्त पानी के प्रवाह का इस्तेमाल हो सकेगा और पानी की कमी होने की स्थिति में एकत्रित भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अच्छी वर्षा के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र में मानसून के दौरान भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का 90 प्रतिशत पानी उसकी सहायक नदियों से होकर आता है। सियांग नदी का 80 प्रतिशत पानी सर्दियों में ऊपरी जलधारा से आता है और हिमनद इसका मुख्य स्रोत हो जाता है।

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इस परियोजना को लेकर जलशक्ति मंत्रालय के एक और अधिकारी ने जानकारी दी कि 1980 के दशक से ही इस परियोजना पर चर्चा चल रही है। पावर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ चाइना के अध्यक्ष यान झियोंग ने पिछले सप्ताह कहा था कि बीजिंग ‘यारलुंग जांगबो (ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम) के निचले हिस्से में पनबिजली का काम शुरू करेगा और परियोजना से जल संसाधन को बरकरार रखने और आंतरिक सुरक्षा में मदद मिलेगी।’

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इस मामले में पर सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने भारत की स्थिति को लेकर 30 नवंबर को एक ट्वीट में कहा कि, भारत तीन मोर्चे पर चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र चीन, भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती है और इसकी कई सहायक और उप सहायक नदियां हैं।