नई दिल्ली। भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का बड़ा सदुपयोग करने जा रहा है। इसका एलान पीएम नरेंद्र मोदी ने आज जी-20 देशों के मंत्रियों की बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए किया। मोदी ने कहा कि भार एआई संचालित भाषा अनुवाद मंच भाषिणी बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि भाषिणी से भारत की सभी विविध भाषाओं का डिजिटल समावेशन होगा। मोदी ने कहा कि भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक चुनौतियों के लिए सुरक्षित और स्केलेबल के साथ समावेशी समाधान भी देगा। मोदी ने जी-20 बैठक में कहा कि भारत में 85 करोड़ से ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।
#WATCH 45% से अधिक वैश्विक रीयल-टाइम भुगतान भारत में होते हैं…CoWIN पोर्टल ने भारत के टीकाकरण अभियान का समर्थन किया…हम एक AI-संचालित भाषा अनुवाद मंच ‘भाषिनी’ का निर्माण कर रहे हैं: G20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/3LWJgsDP40
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2023
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में भारत ऐसा देश है, जहां लोग सबसे सस्ते डेटा का आनंद ले रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमने शासन को ज्यादा कुशल, तेज, पारदर्शी और समावेशी बनाया है। इसके लिए तकनीकी का लाभ सरकार ने उठाया है। मोदी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट में भारत सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि वैश्विक रियल टाइम डिजिटल पेमेंट में से 45 फीसदी भारत में होता है। मोदी ने कहा कि तकनीकी के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे डीबीटी से बैंक खाते में उनकी सरकार ट्रांसफर करती है। इससे भ्रष्टाचार बंद हुआ है और 33 अरब डॉलर भी सरकार ने बचाए हैं।
मोदी ने कहा कि भारत ने आधार को बहुत अनोखा डिजिटल पहचान प्लेटफॉर्म बनाया है। इससे देश के 130 करोड़ लोग कवर होते हैं। मोदी ने कहा कि भारत ने लोगों का वित्तीय समावेश करने के लिए सरकार ने जेम ट्रिनिटी यानी जनधन बैंक खाते, आधार और मोबाइल की ताकत का इस्तेमाल किया है। पीएम ने कहा कि हर महीने सरकार लोगों के खातों में तुरंत पैसे भेजती है। उन्होंने जी-20 देशों के मंत्रियों की बैठक में कहा कि भारत में यूपीआई के जरिए 10 अरब लेनदेन किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि 2015 से डिजिटल इंडिया की शुरुआत हुई थी और बीते 9 साल में उनकी सरकार के दौरान भारत ने डिजिटल परिवर्तन में बड़ा काम कर दिखाया है।