नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे में भारत के साथ क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी यानी महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी पर भी साझेदारी का नया चरण शुरू हुआ है। मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर इस पहल का स्वागत किया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा कि वो पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच संकल्प को आगे ले जाने के बारे में जो कदम उठाए गए, उनको अहम मानते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ये संकल्प भारत और अमेरिका के विश्वविद्यालयों में रणनीतिक साझेदारी को गहरा करेगा।
I welcome the resolve by Hon. PM @narendraModi and @POTUS @JoeBiden to deepen the strategic partnership between Indian and American universities.
The recently launched India-US initiative on Critical and Emerging Technology (iCET) will usher in a new phase of partnership, given…
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 23, 2023
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका में जीवंत प्रतिभाओं की कमी नहीं है। खास कर नए युग की टेक्नोलॉजी और शैक्षणिक क्षेत्र की उत्कृष्टता के आपस में काम कर शोध और विकास केंद्रों के तौर पर शीर्ष आईआईटी और आईआईएससी के अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ गठित संयुक्त कार्य बल की काफी चर्चा है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि जैसा कि दोनों देश के नेताओं ने कल्पना की, भारत और अमेरिका ग्लोबल चैलेंज इंस्टीट्यूट, सेमीकंडक्टर, कृषि, स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य और महामारी से निपटने की तैयारी के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ताजा पहल उभरती तकनीकी वाले क्षेत्रों में अनुसंधान की साझेदारी और इससे जुड़े लोगों के आदान-प्रदान को गहरा करने के काम आएगा।
Joint Task Force constituted with Association of American Universities comprising of top IITs and IISc has been in discussion in this regard.
As envisioned by our leaders, the @EduMinOfIndia will work to setup Indo-U.S. Global Challenge Institutes to deepen research…
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 23, 2023
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच औपचारिक साझेदारी, अपनी पूरक विशेषज्ञता और उद्योग सहयोग और स्टार्टअप समर्थकों के समावेश के साथ, विचारों के मुक्त प्रवाह, छात्र आदान-प्रदान और संयुक्त आईपीआर की सुविधा भी देगी। ये शैक्षणिक साझेदारी टिकाऊ और सुरक्षित भविष्य के लिए समाधान विकसित करने में भी मदद करेगी। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण है, जब दो मजबूत राष्ट्र शिक्षा और अनुसंधान में हाथ मिला रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये संबंध आने वाले साल में दुनिया पर अपना असर दिखाएगा।
This formal partnership, with its complementary expertise and incorporation of industry collaboration and startup enablers, will facilitate free flow of ideas, student exchange and joint IPRs. This academic partnership will help in developing solutions for a sustainable and…
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 23, 2023