newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Jaishankar’s Security Lapse Issue In Britain : भारत ने ब्रिटेन को दिखाई आंख, विदेश मंत्री जयशंकर की सुरक्षा में चूक का मामला

Jaishankar’s Security Lapse Issue In Britain : भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, लगता है ब्रिटेन में अलगाववादियों को उत्पात मचाने का लाइसेंस दिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में हमारा दृष्टिकोण यूके सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।

नई दिल्ली। ब्रिटेन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा में सेंध मामले पर भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए खूब सुनाया है। भारत ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए चिंता व्यक्त की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, लगता है ब्रिटेन में अलगाववादियों को उत्पात मचाने का लाइसेंस दिया गया है। इसके साथ ही भारत ने ब्रिटेन की सरकार से कहा है कि हालांकि हमने इस मामले पर यूके विदेश कार्यालय द्वारा जारी बयान पर गौर किया है, लेकिन इसकी गंभीरता के बारे में हमारा दृष्टिकोण इस मामले और पिछले मामलों पर दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।

आपको बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर दो दिन पहले जब ब्रिटेन दौरे पर एक कार्यक्रम में शामिल होकर बाहर निकल रहे थे तभी कुछ खालिस्तानी समर्थक अचानक उनके आगे आकर खालिस्तान का झंडा लहराते हुए उत्तेजक नारेबाजी करने लगे। यह घटना यूके में चैथम हाउस के बाहर हुई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करता है। साथ ही उम्मीद करता है कि यूके सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।हालांकि यूके के विदेश मंत्रालय, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने भारतीय विदेश मंत्री के सामने खालिस्तान समर्थकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की निंदा की थी।

बांग्लादेश के हालात पर भारत ने जताई चिंता

भारत ने बांग्लादेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। हिंसा की यह घटनाएं गंभीर अपराधों के लिए सजा पाए हिंसक चरमपंथियों की रिहाई से और बढ़ गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की चरमपंथी तत्वों को बरी करने और कई इस्लामवादियों को दोषमुक्त करने के लिए कड़ी आलोचना की है।