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India China Border : चीन से तनाव के बीच LAC पर पॉवर बढ़ाएगा भारत, मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

India China Border : मालूम हो कि एलएसी पर पिछले कुछ वर्षों में पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय और चीनी सेना के बीच कई बार झड़प हुई है। देपसांग के मैदानों और लद्दाख के चार्डिंग नाला क्षेत्र में कई पारंपरिक गश्त बिंदुओं तक पहुंच से वंचित किए जाने की भी रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं।

नई दिल्ली। बीते साल अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सेनाओं के टकराव के बाद दोनों देशों के बीच जो तनाव उत्पन्न हुआ वो अबतक बरकरार है। इसी के चलते दोनों ही देशों ने बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की हुई है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना ने अत्याधुनिक हथियार भी तैयार रखे हैं। इस बीच, मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला करते हुए बुधवार को भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) में 9400 जवानों को शामिल करने की मंजूरी दे दी। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए सात नई बटालियन और एक नया सेक्टर मुख्यालय स्थापित करने का विचार किया जा रहा है।

आपको बता दें कि भारत-चीन सीमा के बीच आईटीबीपी के जवानों की बड़ी संख्या में तैनाती है। 9 हजार से अधिक जवानों के और शामिल होने के बाद बॉर्डर पर सुरक्षा ग्रिड को और मजबूती मिलेगी। मालूम हो कि एलएसी पर पिछले कुछ वर्षों में पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय और चीनी सेना के बीच कई बार झड़प हुई है। देपसांग के मैदानों और लद्दाख के चार्डिंग नाला क्षेत्र में कई पारंपरिक गश्त बिंदुओं तक पहुंच से वंचित किए जाने की भी रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं। ऐसे में सरकार का यह फैसला आईटीबीपी को सहायता पहुंचाई जाएगी।


एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में बात करते हुए गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ”यह आईटीबीपी का 2013-14 से लंबित प्रस्ताव था। शुरुआत में इसमें 12 नई बटालियन बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब इसे घटाकर सात बटालियन कर दिया गया है। यह एलएसी के साथ सीमा चौकियों और शिविरों की संख्या बढ़ाने के निर्णय के संयोजन में किया गया है। यह फैसला पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्जे क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़पों की पृष्ठभूमि में आया है। उस झड़प में कई भारतीय सैनिकों के घायल होने की सूचना मिली थी। इस घटना से पहले और बाद में, सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कई मौकों पर बताया है कि चीन-भारत सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन और संवेदनशील बनी हुई है।