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Indian Air Force Had Ensured Safe Landing Of Indigo’s Plane : भारतीय वायुसेना ने कराई थी टर्बुलेंस में फंसकर क्षतिग्रस्त हुए इंडिगो के विमान की सेफ लैंडिंग

Indian Air Force Had Ensured Safe Landing Of Indigo’s Plane : भारत ने पाकिस्तान की उड़ानों के लिए नोटम को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है। इसका मतलब यह है कि 23 जून, 2025 तक पाकिस्तान की किसी भी एयरलाइन का विमान या पाकिस्तानी ऑपरेटरों के द्वारा लीज पर ली गई फ्लाइट के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। इसमें सैन्य उड़ानें भी शामिल हैं।

नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस की जो फ्लाइट दिल्ली से श्रीनगर जाते समय टर्बुलेंस में फंस गई थी जिसके चलते विमान का आगे का हिस्सा भी टूट गया और उसमें सवार 227 लोगों की जान पर बन आई थी, उसको लेकर अब नई जानकारी सामने आई है। भारतीय वायुसेना ने इस विमान की सफल लैंडिंग में मदद की थी। जब फ्लाइट क्रू ने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क साधा और टर्बुलेंस से बचने के लिए कुछ समय तक पाकिस्तानी एयरस्पेस में प्रवेश करने की अनुमति मांगी तो पाकिस्तान ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद इंडियन एयरफोर्स ने मोर्चा संभाला और पायलट से संपर्क किया तथा विमान को सुरक्षित लैंड कराने में सहायता दी।

मीडिया रिपोर्ट में वायुसेना सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। बताया गया है कि वायुसेना ने इंडिगो विमान 6ई-2142 के पायलट को रियल-टाइम कंट्रोल वेक्टर और ग्राउंड स्पीड अपडेट देकर सुरक्षित लैंडिंग कराई। विमान जरूर क्षतिग्रस्त हुआ लेकिन उसमें सवार सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं। वहीं विपरीत परिस्थिति में सेफ लैंडिंग के लिए पायलट की भी प्रशंसा हो रही है। बता दें कि दिल्ली से उड़ान भरने के बाद विमान जब पठानकोट और अमृतसर के बीच था तब पायलट को खराब मौसम दिखा। इसके बाद उसने टर्बुलेंस से बचने के लिए लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत मांगी, मगर पायलट को इसकी इजाजत नहीं मिली। संभवत: पाकिस्तान की ओर से भारतीय एयरलाइंस के विमानों के लिए जारी नोटम के चलते ऐसा किया गया।

उधर, भारत ने पाकिस्तान की उड़ानों के लिए नोटम को एक महीने के लिए और बढ़ाया दिया है। इसका मतलब यह है कि 23 जून, 2025 तक पाकिस्तान की किसी भी एयरलाइन का विमान या पाकिस्तानी ऑपरेटरों के द्वारा लीज पर ली गई फ्लाइट के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि इसमें सैन्य उड़ानें भी शामिल हैं।