
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होने या न होने पर अगले हफ्ते के बाद फैसला हो सकता है। जानकारी के मुताबिक भारत के वाणिज्य मंत्रालय का दल अमेरिका की सरकार से फिर बातचीत करने अगले हफ्ते वॉशिंगटन रवाना होगा। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्दी होने की बात कई बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की, लेकिन 9 जुलाई की समयसीमा पार होने के बावजूद अब तक दोनों देशों की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार कुछ अहम मुद्दों के कारण भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता नहीं हो सका है। एक बार फिर भारतीय प्रतिनिधिमंडल व्यापार समझौते की शर्तें तय करने के लिए बातचीत के वास्ते अमेरिका जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार अमेरिका चाहता है कि उसके कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारत अपना बाजार खोले, लेकिन मोदी सरकार इस पर राजी नहीं है। मोदी सरकार किसानों और डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले छोटे कारोबारियों के हित से कतई समझौता नहीं करना चाहती। साथ ही मोदी सरकार कुछ क्षेत्रों पर टैरिफ को भी कम या खत्म करने की गारंटी चाहती है। मोदी सरकार ये भी चाहती है कि अगर अमेरिका भविष्य में कुछ चीजों पर टैरिफ को बढ़ाता है, तो उसे भारत के उत्पादों पर लागू न किया जाए। साथ ही मोदी सरकार ये भी चाहती है कि जिन देशों से अमेरिका ने व्यापार समझौता किया, उनसे बेहतर शर्तों पर भारत से डील हो।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ये कह चुके हैं कि भारत किसी दबाव में आकर अमेरिका से व्यापार समझौता नहीं करेगा। यानी अमेरिका अगर भारत की चिंताओं को समझकर आगे कदम बढ़ाए, तभी दोनों में डील होने की संभावना है। फिलहाल ये चर्चा है कि भारत और अमेरिका अंतरिम व्यापार समझौता कर सकते हैं और इस साल के अंत में इसे व्यापक रूप दिया जा सकता है। इन्हीं सब मुद्दों पर चर्चा के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल को एक बार फिर अमेरिका भेजा जा रहा है। खास बात ये है कि ट्रंप ने देशों को टैरिफ लागू करने संबंधी चिट्ठियां भेजनी शुरू कर दी हैं। ट्रंप ने अब ये एलान किया है कि व्यापार समझौता न करने वालों पर अमेरिका 1 अगस्त 2025 से टैरिफ लगाएगा।