नई दिल्ली। भारत-चीन (India-China) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर तनाव जारी है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के फिंगर इलाकों में अभी भी दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है। हालांकि भारत भी चीन की नापाक हरकतों से सतर्क है और अपनी सैन्य क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में जंगी जहाज तैनात किया है। गलवान घाटी () में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में अपना एक फ्रंटलाइन वॉरशिप (जंगी जहाज) तैनात किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया, ‘गलवान में हिंसक झड़प शुरू होने के तुरंत बाद, भारतीय नौसेना ने अपना एक सीमावर्ती युद्धपोत दक्षिण चीन सागर के उस इलाके में तैनात किया, जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी तैनात है और इलाके को अपना बताती है।’
Post-Galwan clash, Indian Navy quietly deployed warship in South China Sea
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— ANI Digital (@ani_digital) August 30, 2020
सूत्रों के मुताबिक दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के युद्धपोत की तत्काल तैनाती का चीनी नौसेना और सुरक्षा व्यवस्था पर वांछित प्रभाव पड़ा, जिसकी वजह से उन्होंने भारतीय पक्ष के साथ राजनयिक स्तर की वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष से शिकायत की। सूत्रों ने बताया कि भारतीय युद्धपोत लगातार वहां मौजूद अमेरिका के युद्धपोतों से लगातार संपर्क बनाए हुए थे।
वहीं, नियमित अभ्यास के दौरान, भारतीय युद्धपोत को लगातार अन्य देशों के सैन्य जहाजों की आवाजाही की स्थिति के बारे में अपडेट किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक चकाचौंध से बचते हुए पूरे मिशन को बहुत ही शानदार तरीके से किया गया था।
इसी दौरान, भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास मलक्का स्ट्रेट्स में चीनी नौसेना की गतिविधि पर नजर रखने के लिए अपने फ्रंटलाइन जहाजों को तैनात किया। चीनी नौसेना इसी रास्ते से हिंद महासागर में प्रवेश करती है। सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना पूर्वी या पश्चिमी मोर्चे पर विरोधियों द्वारा किसी भी दुस्साहस का जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम है।