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Invest In UP : उद्योगों को मिली रफ्तार, निवेश की बही बयार, योगी सरकार के प्रयासों से 6 वर्ष में निवेश के सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा यूपी

Invest In UP : ओडीओपी ई-कॉमर्स पोटर्ल पर 20 हजार से अधिक उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित की गई। 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया तो मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत 39395 लाख रुपए अवमुक्त किए गए जबकि 1,40,296 रोजगार सृजित हुए। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के मद में 2,81,060 लाख रुपए अवमुक्त किए तथा 758065 रोजगार सृजित किए गए।

लखनऊ। किसी प्रदेश की अर्थव्यवस्था उसकी सेहत की पहचान होती है। अर्थव्यवस्था बेहतर हो इसके लिए उद्योगों की सेहत दुरुस्त होना और नए उद्योगों के लिए संभावनाओं का होना अति आवश्यक है। 6 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश उद्योग और निवेश के लिए सबसे पिछड़े राज्यों में एक माना जाता था। इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और लॉ एंड ऑर्डर जैसी मूलभूत समस्याओं के कारण निवेशक यूपी से दूर ही रहते थे। 2017 में सीएम योगी ने प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद सबसे ज्यादा कार्य इसी क्षेत्र में किया। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में सुधार किया, अवस्थापना सुविधाओं में बढ़ोतरी की, निवेशकों को अनुकूल माहौल के लिए नीतियां बनाईं और इन सब प्रयासों का नतीजा ये रहा कि उत्तर प्रदेश निवेश के सबसे पसंदीदा गंतव्यों में शुमार हो गया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी अचीवर्स स्टेट बन गया।

निवेश के जरिए विकास का रोडमैप
योगी सरकार में विकास की इस गाथा की शुरुआत वर्ष 2018 में ही शुरू हो गई थी, जब पहली बार यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। इस समिट के फलस्वरूप प्रदेश में 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक की निवेश परियोजनाओं को शुरू किया गया जिससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिला और प्रदेश में निवेश की शुरुआत हुई। इसी का नतीजा था कि इसी वर्ष फरवरी में लखनऊ में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से जुड़े एमओयू किए गए। इसके लिए मंत्रियों और अधिकारियों की टीमों ने 16 देशों के 21 शहरों में रोड शो और बिजनेस मीटिंग कीं। वहीं, देश के कई बड़े महानगरों में भी मंत्रियों की अगुवाई में टीमों ने जाकर बिजनेस हाउसेज से मुलाकात की और उन्हें यूपी में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। 35 लाख करोड़ के निवेश से संबंधित जो एमओयू हुए हैं उनसे प्रदेश में 94 लाख रोजगार के अवसर सृजित होने का अनुमान है। अगस्त माह में ही पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से इनमें से कई परियोजनाओं को धरातल में उतारने की भी तैयारी हो रही है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूरा फोकस
उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिस पर बीते 6 वर्ष में सीएम योगी ने काफी काम किया है। खासतौर पर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास फलीभूत होते नजर आ रहे हैं। 341 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे व 296 किमी लंबा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे संचालित किया जा रहा है। वहीं, झांसी लिंक एक्सप्रेव-वे व चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 235 करोड़ रुपए का बजट दिया गया। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस वे डिफेंस कॉरिडोर परियोजना हेतु 550 करोड़ का प्रावधान किया गया। गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रगति पर है, जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यही नहीं, गाजीपुर से बलिया होते हुए माझी घाट तक बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है।

इस दिशा में भी हुआ अभूतपूर्व काम
-बरेली के बहेड़ी में मेगा फूड पार्क का विकास
-नोएडा में 1000 एकड़ भूमि पर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना का कार्य गतिमान
-अटल इण्डस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारम्भ
-यीडा क्षेत्र में 439.40 करोड़ रुपए से मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना
-नोएडा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस क्रियाशीलॉ
-उद्योगों की सुगमता के लिए 241 रेगुलेटरी कम्प्लायंस बर्डन को कम किया गया
-सिंगल विंडो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ का संचालन, उद्यमियों को 406 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई गईं
-‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में प्रदेश बना अचीवर्स स्टेट

उद्यमियों को भी दिया गया प्रोत्साहन

औद्योगिक विकास के लिए जहां योगी सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाया तो वहीं उद्यमियों को भी प्रोत्साहित करने में सीएम योगी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। छोटे और मझोले उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार ने नई एमएसएमई नीति-2022 को मंजूरी दी, जिसमें स्टाम्प ड्यूटी से लेकर पूंजीगत सब्सिडी तक के कई प्रावधान किए गए। इसके अतिरिक्त 2.35 लाख करोड़ रुपए की वार्षिक ऋण योजना प्रारम्भ की गई। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 173386 लोगों को प्रशिक्षण दिलाया गया। प्रदेश के निर्यात को भी बढ़ाने के लिए सरकार ने सकारात्मक प्रयास किए। इसके फलस्वरूप राज्य का निर्यात 88,987 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यही नहीं 83 हजार ओडीओपी कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरित की गई। ओडीओपी ई-कॉमर्स पोटर्ल पर 20 हजार से अधिक उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित की गई। 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया तो मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत 39395 लाख रुपए अवमुक्त किए गए जबकि 1,40,296 रोजगार सृजित हुए। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के मद में 2,81,060 लाख रुपए अवमुक्त किए तथा 758065 रोजगार सृजित किए गए। ओडीओपी सामान्य सुविधा केंद्र योजना के अंतर्गत सीतापुर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, आगरा, आंबेडकरनगर एवं मुरादाबाद की परियोजनाएं संचालित की गईं। फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स आगरा एवं कानपुर का शिलान्यास एवं फ्लैटेड फैक्ट्री, गोरखपुर की स्वीकृति दी गई। अमेजॉन डॉट कॉम एवं अमेजॉन ग्लोबल के साथ एमओयू भी हस्ताक्षरित हुए।