नई दिल्ली। आधुनिकता की लालसा ने अंग्रेजी भाषा और पश्चिमी सभ्यता को पंख जरूर दिए हैं, लेकिन युवाओं ने भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ने की हिम्मत भी दिखाई है। कवि सम्मेलनों की शोभा बढ़ाने के साथ आने वाली पीढ़ी को भाषा और साहित्य का बोध करा रहे अमन अक्षर,इन दिनों युवा कवियों की श्रेणी में, मंच की वाचिक परम्परा का सबसे चर्चित नाम हैं।
एकल काव्य पाठ” की श्रृंखला शुरू किया
“राम गीत” से देश भर में नाम कमाने वाले अमन अक्षर अब द सोलटॉक और क्लैप प्रोजेक्ट के सौजन्य से “ एकल काव्य पाठ” की श्रृंखला शुरू कर रहे हैं, जिसमें पहले पड़ाव में मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्रमुख शहर ग्वालियर , सागर , भोपाल , जयपुर , जोधपुर और इंदौर हैं ।
‘द सोलटॉक-लिटरेचर सोसायटी’ और क्लैप प्रोजेक्ट’ और के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, ऑटोरिस्पांसर, कौटिल्य अकादमी, ओजल जैसी नामचीन संस्था की भी सहभागिता होगी। कार्यक्रम के आयोजन में कवि आशीष द्विवेदी , नीलमणि झा और द सोलटॉक टीम के बाक़ी सदस्यों का अहम योगदान है !
अमन अक्षर को वर्तमान समय का तुलसी कहा जाने लगा
कविता, गीत और हिन्दी भाषा के प्रति समर्पण का भाव लिए हुए अमन अक्षर मौजूदा समय में हरेक कवि सम्मेलन और मुशायरे का जाना पहचाना नाम बन चुके हैं। उनके द्वारा लिखे गये “राम गीत” के शब्द, धुन ने हर किसी को इतना प्रभावित किया कि अमन अक्षर को वर्तमान समय का तुलसी कहा जाने लगा।
कार्यक्रम में एंट्री फ्री है और आपको इसका पास www.amanakshar.com तथा Allevents से मिल सकता है