कानपुर। ”कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं होते, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो” आपने यह पंक्तियां तो सुनी होगी दुनिया में बहुत कम लोग होते हैं जो इन पंक्तियों को चरितार्थ कर पाते हैं ऐसा ही एक बड़ा नाम थे चमड़ा उद्योग के बड़े निर्यातक और मिर्जा इंटरनेशनल के चेयरमैन इरशाद मिर्जा। कानपुर के रहने वाले इरशाद मिर्जा का आज (रविवार) 95 साल की उम्र में निधन हो गया। मिर्जा बीते कई वर्षों से बीमार चल रहे थे। रविवार को कानपुर के एक निजि हॉस्पिटल में उन्होने अंतिम सांस ली है। इरशाद मिर्जा के निधन की खबर जैसे हॉस्पिटल के बाहर निकली। उनके सिविल लाइंस स्थित आवास में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई
चमड़ा उद्योग सदा इरशाद मिर्जा के प्रयासों का ऋणी रहेगा उन्होंने कानपुर के चमड़ा उद्योग के लिए जो किया उसकी वजह से ही आज यह उद्योग इतना फल-फूल रहा है। चर्म उद्योग में इरशाद मिर्जा के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
कानपुर के लेदर की पहचान पूरे विश्व में बनाने वाले रेड टेप ब्रांड और मिर्ज़ा इंटरनेशनल के मालिक उद्योगपति पद्मश्री इरशाद मिर्ज़ा का निधन। #kanpur #RedTape pic.twitter.com/cJRFkeyzba
— अंकित शुक्ल (@jankit003) December 4, 2022
उन्हे पदमश्री समेत कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इरशाद मिर्जा को कानपुर की शान भी कहा जाता था। इरशाद मिर्जा अपना नाम फोर्ब्स मैगजीन में भी दर्ज करा चुके हैं।
आपको बता दें कि चर्म उद्योग के बादशाह इरशाद मिर्जा ने मिर्जा इंटरनेशनल की नींव 1979 में रखी थी। मिर्जा इंटरनेशनल लेदर बनाने, फिनिशिंग और टैनिंग का काम करती है। इरशाद मिर्जा की कंपनी में बनने वाले लेदर की विदेशों में सबसे ज्यादा डिमांड थी। कंपनी में बनने वाला लेदर विदेशों में एक्सपोर्ट होता है। इसके साथ ही इरशाद मिर्जा अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान भी उन्होने समाज की बेहतरी के लिए अपना बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वहीं जब से इरशाद मिर्जा के निधन की खबरें सामने आई है सभी से कानपुर और उद्योग जगत में शोक की लहर है। उनकी पकड़ उद्योग जगत के साथ ही समाज सेवियों, राजनीनिक पार्टियों और नेताओं के बीच थी। उन्होने कानपुर में सामाज की बेहतरी के लिए भी खूब काम किया है। कानपुर के लोग उनका बेहद सम्मान करते थे।