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Rift Escalating Between Nitish & Tejaswi: बिहार में सब ठीक बा ना?15 मिनट में कैबिनेट की बैटक समाप्त, एक-दूसरे से नजरे चुराते दिखे नीतीश-तेजस्वी

Rift Escalating Between Nitish & Tejaswi: आज बिहार में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कैबिनेट बैठक बुलाई गई, लेकिन यह बैठक महज 15 मिनट में ही चल पाई, जिसमें नीतीश और तेजस्वी यादव के बीच वो बॉन्ड नहीं दिखा, जो कि आमतौर पर देखने को मिलता था। दोनों ही नेता एक-दूसरे से नजरें चुराते दिखें। जहां नीतीश कुमार लिफ्ट से बैठक में शामिल होने पहुंचे, तो वहीं तेजस्वी सचिवालय की सीढी।

नई दिल्ली। जिन विधार्थियों ने अभी हाल ही में राजनीतिक शास्त्र का अध्ययन शुरू किया होगा….अगर वो इस समय बिहार की राजनीति को अच्छे से देख रहे होंगे, तो उन्हें बखूबी समझ आ रहा होगा कि आखिर नीतीश कुमार को क्यों पलटू चाचा की संज्ञा दी जाती है?, क्योंकि नीतीश कब पलट जाए?….यह बड़े-बड़े सियासी सूरमा नहीं समझ पाते हैं, तो हम और आप है ही क्या चीज? खैर, अब इतना सबकुछ पढ़ने के बाद आप यही सोच रहे होंगे कि आखिर आप ऐसी भूमिका क्यों रचा रहे हैं? क्या हुआ सो? बिहार में सब ठीक है ना ?,

तो आपको बता दें कि फिलहाल बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है। नीतीश और तेजस्वी के बीच रार अपने चरम पर पहुंच चुकी है। चाचा- भतीजे एक-दूसरे से खफा हैं, जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। नीतीश कुमार एनडीए के प्रति नरम होते जा रहे हैं। कभी अमित शाह कहते हैं कि अगर नीतीश कुमार की ओर से एनडीए में शामिल होने को लेकर कोई प्रस्ताव आता है, तो बेशक हम इस पर विचार करेंगे। उधर, जब केंद्र सरकार की ओर से बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान कियाा जाता है, तो नीतीश खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ते हैं।

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इतना ही नहीं, नीतीश यहीं नहीं रूकते। वो आगे कहते हैं कि हम पिछले कई सालों से पूर्व की सरकारों से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का पुरस्कार दिए जाने की मांग करते हुए आए हैं, लेकिन आज तक किसी ने भी इस दिशा में ध्यान नहीं दिया। स्पष्ट है कि वो ऐसा कहकर पूर्व की यूपीए सरकारों को भी सवालों के कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच नीतीश ने परिवारवादी पार्टियों पर भी हमला बोला। हालांकि, उन्होंने ना ही राहुल का नाम लिया और ना ही तेजस्वी यादव का, लेकिन उनके रूख से स्पष्ट है कि वो अब धीरे-धीरे एनडीए के प्रति नरम होते जा रहे हैं।

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वहीं, आज बिहार में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कैबिनेट बैठक बुलाई गई, लेकिन यह बैठक महज 15 मिनट ही चल पाई, जिसमें नीतीश और तेजस्वी यादव के बीच वो बॉन्ड नहीं दिखा, जो कि आमतौर पर देखने को मिलता था। दोनों ही नेता एक-दूसरे से नजरें चुराते दिखें। जहां नीतीश कुमार लिफ्ट से बैठक में शामिल होने पहुंचे, तो वहीं तेजस्वी सचिवालय की सीढी से। पहले दोनों ही नेता किसी भी बैठक में साथ-साथ शामिल होते थे, जिससे वो अपने विरोधियों को यह संदेश दे सकें कि वो एकजुट हैं, लेकिन अब दोनों की भाव-भंगिमा से जाहिर होता है कि दोनों की एकजुटता में सेंध लग चुकी है, जिसका सियासी फायदा आगामी दिनों में बीजेपी को मिल सकता है।

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इतना ही नहीं, बैठक के बाद आमतौर पर मीडिया ब्रीफिंग होती थी, जिसमें मीटिंग मे होने वाली चर्चाओं और फैसलों के बारे में मीडियाकर्मियों को बताया जाता था, मगर इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। वहीं, मीडिया द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब दोनों में से किसी भी नेता ने नहीं दिया, जिससे स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में फिलहाल कुछ भी ठीक नहीं है। बता दें कि आज लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने लगातार तीन ट्वीट किए, जिसमें नीयत में खोटे जैसी शब्दाबली का भी इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि उन्होंने यह ट्वीट नीतीश कुमार के संदर्भ में किया है।