नई दिल्ली। आज के समय में भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है, जहां विदेश से सबसे अधिक धन आता है। विदेशी नौकरी या व्यापार से प्राप्त पैसे भेजने वालों की सूची में भारतीय शीर्ष पर हैं। इस स्थिति को देखते हुए, यदि आपके परिवार के सदस्य, रिश्तेदार या मित्र विदेश से पैसे भेजते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। वास्तव में, ऐसे लोग जिन्हें विदेश से पैसे मिलते हैं, वे अब इनकम टैक्स की जांच के दायरे में आ सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने उन मामलों की जांच शुरू कर दी है जहां 6 लाख रुपये से अधिक की रकम विदेश से भेजी गई है। यदि आपको भी इतनी राशि प्राप्त हुई है, तो जानिए क्या है पूरा मामला।
CBDT ने यह कदम उठाने का निर्णय इसलिए लिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विदेश से भेजी गई रकम में किसी प्रकार की हेराफेरी, जैसे टैक्स चोरी, तो नहीं की गई है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम उन मामलों की पहचान के बाद उठाया गया है जहां प्राप्त राशि और घोषित आय में असमानता पाई गई है, और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) में भी गड़बड़ी पाई गई है। संबंधित अधिकारियों के अनुसार, CBDT ने फील्ड फॉर्मेशन को फॉर्म 15CC की वेरिफिकेशन प्रक्रिया और जांच शुरू करने के लिए निर्देशित किया है। फॉर्म 15CC उन लोगों के लिए अनिवार्य होता है जो विदेश से रकम प्राप्त करते हैं। इस फॉर्म से संबंधित 2016 के बाद के डेटा को एकत्र किया जा रहा है और इसका विश्लेषण किया जाएगा।
रडार पर कौन हैं
एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल एक समीक्षा सिफारिश की गई थी जिसे जल्द ही फील्ड फॉर्मेशन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस कदम से सरकार को उन मामलों की पहचान में मदद मिलेगी जहां विदेशी रकम भेजी गई थी लेकिन टैक्सपेयर ने अपनी फाइलिंग में इसकी जानकारी नहीं दी। इससे टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और यह सुनिश्चित होगा कि विदेश से भेजी जाने वाली रकम का सही हिसाब रहे। बोर्ड 2020-21 के बाद के डेटा की जांच के आधार पर हाई रिस्क वाले मामलों की सूची तैयार करेगा। फील्ड फॉर्मेशन को हाई रिस्क मामलों की पहचान के लिए एक SOP तैयार करने और 30 सितंबर तक ऐसी मामलों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने अघोषित आय वाले लोगों को पहला नोटिस भेजने की समय सीमा 31 दिसंबर तय की है।
7 लाख से अधिक पर 20% टीडीएस
अगर आप विदेश से पैसा मंगाते हैं तो यह जानना जरूरी है कि 7 लाख रुपये से अधिक की राशि पर 20% टीडीएस लागू होता है। हालांकि, अगर यह रकम मेडिकल या एजुकेशन के लिए भेजी गई है, तो इसमें छूट मिलती है। फॉर्म 15CC के माध्यम से विदेश से रकम प्राप्त करने वाला व्यक्ति प्रमाणित करता है कि उक्त रकम टैक्स योग्य नहीं है, अन्यथा कोई अतिरिक्त विवरण की आवश्यकता नहीं होती। अधिकारियों ने इस छूट के संभावित दुरुपयोग के कुछ मामलों की भी पहचान की है।