नई दिल्ली। झारखंड की सियासत में इन दिनों बड़ी हलचल मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब झारखंड को एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है। चंपई सोरेन ने शुक्रवार, 2 फरवरी को पद की शपथ ली। उनके साथ, कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और आजसू नेता सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान जेएमएम, कांग्रेस और आजसू के नेताओं में दलबदल का डर है। नतीजतन, इन तीनों पार्टियों के ज्यादातर विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा है। रांची से एक चार्टर्ड विमान विधायकों को लेकर हैदराबाद के लिए रवाना हो गया है। चंपई सोरेन 5 फरवरी को अपना बहुमत साबित करने वाले हैं। ऐसी अटकलें हैं कि उसी दिन ये विधायक हैदराबाद से रांची लौटेंगे और विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में भाग लेंगे।
चंपई सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
चंपई सोरेन दिन भर सरकार बनाने का इंतजार करते रहे। इस बीच गठबंधन विधायकों में दलबदल का भी डर था। हालांकि, गुरुवार को उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का निमंत्रण मिला। इसके बाद शुक्रवार, 2 फरवरी को उन्होंने पद की शपथ ली। गुरुवार को भी विधायकों को हैदराबाद भेजने की कोशिश की गई थी, लेकिन मौसम की खराबी के कारण विमान उड़ान नहीं भर सका। सभी विधायक रांची में ही रुके रहे।
विधानसभा का सियासी अंकगणित
झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं, एक सीट खाली है। बहुमत हासिल करने के लिए 41 सीटों की जरूरत है। झामुमो के पास 29 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं, आजसू के पास एक और सीपीआई (एमएल) के पास एक, कुल 48 विधायक हैं। विपक्ष में बीजेपी के पास 26, आजसू के पास तीन, एनसीपी के पास एक और दो निर्दलीय हैं. विपक्षी विधायकों की कुल संख्या 32 है। गौरतलब है कि भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बुधवार को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। इसी दौरान उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उनके करीबी चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा किया।