नई दिल्ली। आतंक का आका अयमान अल-जवाहिरी आखिरकार अमेरिकी ड्रोन हमले में ठिकाने लगा दिया गया। इससे पहले 2011 में अल-कायदा का चीफ रहा ओसामा बिन लादेन भी अमेरिकी नेवी सील्स के हमले में मारा गया था। आतंक के इन दोनों आकाओं की मौत से दुनिया कुछ हद तक सुरक्षित हुई है, लेकिन भारत के लिहाज से देखें, तो एक बड़ा सवाल भी लादेन और जवाहिरी की मौत से उठ खड़ा हुआ है। सवाल ये है कि क्या किसी साजिश के तहत पड़ोसी देशों में आतंक के आकाओं को खुलेआम प्रश्रय और शरण दी जा रही है? इस सवाल के उठने की वजह वो परिस्थितियां हैं, जिनका लादेन और जवाहिरी ने फायदा उठाया। तो चलिए इस बारे में पड़ताल कर लेते हैं।
पहले बात करते हैं जवाहिरी की। लादेन की मौत के बाद अयमान अल-जवाहिरी ही अल-कायदा का चीफ बन गया था। वो आए दिन अमेरिका और भारत समेत तमाम देशों के खिलाफ अपने ऑडियो और वीडियो मैसेज के जरिए आग उगलता था। जवाहिरी आखिरकार मारा गया, लेकिन कहां? इस पर गौर करने की जरूरत है। वो काबुल में मारा गया। काबुल, जो अफगानिस्तान की राजधानी है। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक जवाहिरी काबुल के शेरपुर इलाके में एक घर में रह रहा था। उसे किस तरह संरक्षण मिला हुआ था, ये इसी से पता चलता है कि हर रोज सुबह वो खुलेआम इस घर की बालकनी में टहलता था। जबकि, अमेरिका ने उस पर करोड़ों डॉलर के इनाम का एलान कर रखा था।
अब बात लादेन की कर लेते हैं। लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा गया था। एबटाबाद में लादेन जिस घर में ढेर हुआ, उसके करीब ही पाकिस्तानी सेना की बड़ी छावनी है। पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार और सेना ने उस वक्त कहा था कि लादेन के वहां छिपे होने की कोई जानकारी उनके पास नहीं थी। फिर लादेन आखिर एबटाबाद में कैसे आया, किसके संरक्षण से उसे घर मिला और छावनी होने के बाद भी पाकिस्तान की सेना की नजरों से कैसे बचा रहा? ये तमाम सवाल उठे, लेकिन पाकिस्तान ने सारे सवालों से पल्ला झाड़ लिया। अब अफगानिस्तान की राजधानी काबुल जैसे अति सुरक्षित इलाके में जवाहिरी को मार गिराया जाना ये अंदेशा जरूर खड़ा करता है कि किसी साजिश के तहत भारत के पड़ोसी इस्लामी देश इतने खूंखार आतंकियों को पनाह दे रहे हैं।
पाकिस्तान की बात अगर की जाए, तो सभी को पता है कि वो किस तरह भारत में आतंकी गतिविधियां चलाता है। कश्मीर घाटी में खून-खराबा हर किसी का देखा हुआ है। मुंबई में 1993 और 2008 के आतंकी हमलों में पाकिस्तान के हाथ का खुलासा हो चुका है। पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम को कराची में शरण दिए हुए है। भारतीय विमान को अगवा कर छुड़ाए गए जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख मौलाना हाफिज सईद को भी उसने खुलेआम पनाह दे रखी है, लेकिन लादेन और जवाहिरी का पाकिस्तान और अफगानिस्तान का कनेक्शन भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के लिए निश्चित तौर पर ज्यादा चिंता का विषय है।