नई दिल्ली। पत्रकारों और देश की अन्य हस्तियों की पेगासस स्पाईवेयर से कथित तौर पर जासूसी करने की खबरें मीडिया में आने के एक दिन बाद सोमवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में सरकार की ओर से विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने जासूसी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तर्क के आधार पर कहा कि वेबसाइट ने केवल आधारहीन समाचार रिपोर्टो के माध्यम से सनसनी पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य खबरों पर उचित ध्यान देंगे तो वे खुद इस बात को समझ जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एनएसओ ने भी कहा है कि रिपोर्ट झूठी और निराधार है। हमारे सिस्टम में किसी भी तरह की अवैध निगरानी संभव नहीं है। संसद सत्र से एक दिन पहले आने वाली यह मीडिया रिपोर्ट कोई संयोग नहीं है।”
मंत्री ‘द वायर’ में प्रकाशित पेगासस प्रोजेक्ट की उन रिपोर्टो पर एक बयान दे रहे थे, जिसमें कहा गया है कि पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से हैकिंग के लिए 300 से अधिक हॉन नंबरों को निशाना बनाया जा सकता था, जिसमें दो सेवारत मंत्री, 40 से अधिक पत्रकार और तीन विपक्षी नेताओं के नाम शामिल थे।
.@ndtv claims that IT Minister said, “No factual basis to suggest use of #Pegasus amounts to surveillance”.#PIBFactCheck: The claim is FAKE! Quoting NSO response the Minister said, “There can be no factual basis to suggest that use of the data somehow equates to surveillance”. pic.twitter.com/aByxmR6XBq
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 19, 2021
वहीं केंद्रीय मंत्री के बयान को लेकर NDTV ने क्लेम किया कि, आईटी मंत्री ने कहा है, “पेगासस निगरानी के उपयोग का सुझाव देने के लिए कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।” जबिक इस तथ्य को लेकर पीआईबी की तरफ से फैक्ट चेक कर बताया कि, NDTV द्वारा किए गया क्लेम पूरी तरह से गलत है। PIB ने बताया कि, केंद्रीय मंत्री ने NSO को लेकर कहा कि, “एनएसओ ने भी कहा है कि रिपोर्ट झूठी और निराधार है। हमारे सिस्टम में किसी भी तरह की अवैध निगरानी संभव नहीं है। संसद सत्र से एक दिन पहले आने वाली यह मीडिया रिपोर्ट कोई संयोग नहीं है।”