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UNGA Meet: ‘अब हम ‘विश्व मित्र….’, वैश्विक मंच पर जारी उथल-पुथल के बीच जयशंकर का बड़ा संदेश

इसी कड़ी में बीते  दिनों विदेश मंत्रालय ने कनाडा के नागरिकों को भारत का वीजा दिए जाने पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए थे। वहीं, अब इस बीच पीएम मोदी ने यूएन में क्या कुछ कह रहे हैं। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा?

नई दिल्ली। भारत कनाडा के बीच जारी विवाद के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त राष्ट्र में अपना संबोधन दे रहे हैं। मौजूदा वक्त में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारत-कनाडा के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। बता दें कि बीते दिनों जी-20 सम्मेलन में शिरकत करने के बाद स्वदेश लौटे जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने की बात कही थी। हालांकि, बाद में भारत ने कनाडा के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है।  इसी कड़ी में बीते  दिनों विदेश मंत्रालय ने कनाडा के नागरिकों को भारत का वीजा दिए जाने पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए थे। वहीं, अब इस बीच पीएम मोदी ने यूएन में क्या कुछ कह रहे हैं। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा?

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यूएन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, ‘”भारत की ओर से नमस्ते!… विश्वास के पुनर्निर्माण और वैश्विक एकजुटता को फिर से जागृत करने के इस UNGA के विषय को हमारा पूरा समर्थन है। यह हमारी आकांक्षाओं और लक्ष्यों को साझा करते हुए हमारी उपलब्धियों और चुनौतियों का जायजा लेने का एक अवसर है। वास्तव में, दोनों के संबंध में, भारत के पास साझा करने के लिए बहुत कुछ है…”

वहीं, विदेश मंत्री ने आगे अपने संबोधन में कहा कि, ‘”दुनिया उथल-पुथल के एक अपवाद दौर को देख रही है…इस मोड़ पर, असाधारण जिम्मेदारी की भावना के साथ भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली। ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की गई बहुतों की प्रमुख चिंताएँ केवल कुछ लोगों के संकीर्ण हित हैं…”

विदेश मंत्री ने आगे अपने संबोधन में कहा कि, ‘”यह मानते हुए कि वृद्धि और विकास को सबसे कमजोर लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, हमने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट बुलाकर अध्यक्षता शुरू की। इससे हमें 125 देशों से सीधे सुनने और उनकी चिंताओं को जी 20 एजेंडा पर रखने में सक्षम बनाया गया। परिणामस्वरूप, जो मुद्दे वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के लायक को निष्पक्ष सुनवाई मिली। इससे भी अधिक, विचार-विमर्श ने ऐसे परिणाम दिए जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बहुत महत्व रखते हैं। यह भी उल्लेखनीय था कि भारत की पहल पर, अफ्रीकी संघ जी 20 के स्थायी सदस्य के रूप में। ऐसा करके, हम पूरे महाद्वीप को आवाज दी, जिसका लंबे समय से हक रहा है। सुधार के इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो कि एक बहुत पुराना संगठन है, को भी सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।”