नई दिल्ली। उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत मिल गई है। जावेद पर इस मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम देने की योजना बनाने का आरोप है। राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की बेंच ने कहा, एनआईए आरोप को साबित नहीं कर सकी है, आरोपी लंबे समय से जेल में है और इस केस का ट्रायल अभी लंबा चलेगा, ऐसे में उसे जमानत दी जाती है। इससे पहले मोहम्मद जावेद ने एनआईए कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। 31 अगस्त 2023 को एनआईए कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद जावेद ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील की थी। इस केस के एक अन्य आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को एनआईए कोर्ट से पिछले साल 1 सितम्बर 2023 को जमानत मिल चुकी है। इस केस के आरोपियों में पाकिस्तान निवासी सलमान और अबू इब्राहिम फरार हैं।
क्या था कन्हैयालाल हत्याकांड-
उदयपुर निवासी कन्हैयालाल पेशे से एक दर्जी थे। 28 जून 2022 को दिनदहाड़े उनकी दुकान में घुसकर मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने निर्मम तरीके से गला काटकर कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं हत्यारों ने गला काटते हुए वीडियो भी बनाया और उसको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। दरअसल कन्हैयालाल के सोशल मीडिया एकाउंट से पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी एक टिप्पणी वाला पोस्ट किया गया था। पड़ोसी नाजिम की शिकायत पर कन्हैयालाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी। इसके अगले ही दिन कन्हैयालाल को जमानत पर रिहा कर दिया गया। 15 जून 2022 को, कन्हैया लाल ने जान से मारने की धमकी मिली। इसके बाद कन्हैया ने पुलिस के पास सुरक्षा के लिए एक अनुरोध दायर किया था। पुलिस ने उसे कुछ दिन दुकान बंद रखने और सीसीटीवी लगवाने की सलाह दी। एक दो दिन बाद पुलिस ने कन्हैयालाल से कहा कि वो अब अपनी दुकान खोल सकता है। यह पूरी घटना 8 जून से 18 जून के बीच की है। 19 जून को कन्हैया ने अपनी दुकान दोबारा खोली। 20 से 24 जून तक उसे लगातार फिर से धमकी मिलने लगी। 25 जून को एक महिला और एक पुरुष ने दुकान में आकर कन्हैयालाल को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद 28 जून को मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने कन्हैयालाल का गला रेत दिया था।