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Ram Mandir Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा पर भगवान रामलला को पहनाए गए सोने, हीरे और रत्नों से बने आभूषण; जानिए इनके बारे में

Ram Mandir Pran Pratishtha: इस बीच पीएम मोदी ने हुंकार भरते हुए कहा कि भगवान राम भारत के आधार हैं, भारत की अस्मिता, भारत की असीम असमार्थ्य हैं। वहीं, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर रामज्योति भई जलाई।

नई दिल्ली। राम भक्तों का 500 सालों का इंतजार अब खत्म हो गया। भगवान राम अब टाट से मंदिर में लौट आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजन के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की। इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी दिग्गजों से मुलाकात की। बता दें कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में सभी क्षेत्रों के दिग्गज शामिल हुए थे। उधर, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने यह कहने से कोई संकोच नहीं किया कि अगर पूर्व की सरकारों ने थोड़ी-सी भी इच्छा शक्ति दिखाई होती, तो आज भगवान राम को इतने वर्षों तक टाट में नहीं पड़ता, लेकिन दुर्भाग्यवश अपने राजनीतिक हितों को साधने के मकसद से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।

इस बीच पीएम मोदी ने हुंकार भरते हुए कहा कि भगवान राम भारत के आधार हैं, भारत की अस्मिता, भारत की असीम समार्थ्य हैं। वहीं, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर रामज्योति भी जलाई। बता दें कि बीते दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में सभी आह्वान किया था कि वो प्राण प्रतिष्ठा के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में दीया जलाए। उधर, पीएम मोदी की इस अपील का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है। राजनीतिक जगत से लेकर हर क्षेत्र के दिग्गज दीया जलाते हुए नजर आ रहे हैं।

वहीं, अगर भगवान राम की प्रतिमा को पहनाए गए आभूषणों की बात करें, तो महा प्रासाद में भगवान श्री रामलला जी दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से सज्ज होकर विराजमान हैं। इन दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, श्रीमद्वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरिमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के उपरान्त किया गया है। इस शोध के अनुरूप श्री यतींद्र मिश्र की परिकल्पना और निर्देशन से, इन आभूषणों का निर्माण श्री अंकुर आनन्द की संस्थान हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स, लखनऊ ने किया है। भगवान बनारसी वस्त्र की पीताम्बर धोती तथा लाल रंग के पटुके / अंगवस्त्रम में सुशोभित हैं। इन वस्त्रों पर शुद्ध स्वर्ण की ज़री और तारों से काम किया गया है, जिनमें वैष्णव मंगल चिन्ह- शंख, पद्म, चक्र और मयूर अंकित हैं। इन वस्त्रों का निर्माण श्री अयोध्या धाम में रहकर दिल्ली के वस्त्र सज्जाकार श्री मनीष त्रिपाठी ने किया है।