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Jharkhand High Court On Bangladeshi Infiltrators: ‘संथाल इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर वापस भेजा जाए’, झारखंड हाईकोर्ट का राज्य सरकार को आदेश

Jharkhand High Court On Bangladeshi Infiltrators: झारखंड हाईकोर्ट की तरफ से जवाब मांगे जाने पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि घुसपैठियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है। इस पर झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि इसे सिर्फ राज्य सरकार नहीं संभाल सकती।

रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो संथाल प्रमंडल में बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उनको वापस भेजने की कार्ययोजना बनाए। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय ने ये आदेश दिए हैं। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है।

झारखंड हाईकोर्ट में डानियल दानिश ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में अर्जी दाखिल की है। इसी पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ये आदेश भी दिया है कि दो हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें। इसमें बताना होगा कि कितने बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित किया गया। कितनों को रोका गया और कितनों को वापस बांग्लादेश भेजने की कोशिश हो रही है। झारखंड हाईकोर्ट ने इसे अति गंभीर मसला बताया। याचिका दाखिल करने वाले डानियल दानिश ने हाईकोर्ट से कहा कि बांग्लादेश के करीब संथाल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठिए आ रहे हैं और आदिवासी लड़कियों से शादी कर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने झारखंड हाईकोर्ट में दी अर्जी में कहा है कि इन जिलों में अचानक मदरसों की संख्या बढ़ी है। साथ ही उन्होंने 46 नए मदरसों की लिस्ट भी हाईकोर्ट में दी है। इन मदरसों में आदिवासी युवतियों के शोषण और देशविरोधी कार्य होने का आरोप भी अर्जी में लगाया गया है।

झारखंड हाईकोर्ट की तरफ से जवाब मांगे जाने पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि घुसपैठियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है। इस पर झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि इसे सिर्फ राज्य सरकार नहीं संभाल सकती। ऐसे में केंद्र सरकार को भी राज्य के साथ मिलकर काम करना होगा। याचिका दाखिल करने वाले डानियल दानिश के वकील ने कोर्ट में बताया कि झारखंड सरकार तो किसी तरह की घुसपैठ होने से ही इनकार कर रही है। साथ ही संथाल इलाके में किसी भी तरह के धर्मांतरण की बात भी स्वीकार नहीं कर रही।