नई दिल्ली। प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई की बड़ी साजिश का प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पर्दाफाश किया है। न्यूज चैनल इंडिया टीवी की खबर के मुताबिक ईडी ने 56.56 करोड़ कीमत की पीएफआई की 35 अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई के दौरान भारत विरोधी इस्लामी संगठन के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया। पीएफआई के बारे में जांच के दौरान ईडी को पता चला है कि विदेश में भी पीएफआई के 13000 से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं। खाड़ी के देशों और सिंगापुर से धन बटोरने के लिए पीएफआई ने एक समिति भी बनाई। ईडी के मुताबिक पीएफआई का इरादा भारत में इस्लामी राज की स्थापना करने का है।
ईडी पहले ही पीएफआई से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी की जांच में पता चला है कि भारत में जिहाद करने की कोशिश करने वाले पीएफआई को फिर मजबूत करने की भी साजिश रची जा रही है। पीएफआई के बारे में ईडी ने पता लगाया है कि इस्लामी संगठन के 29 खातों में देश के अलावा विदेश से भी धन आया। ये सारा धन हवाला के जरिए पीएफआई को मिला। ईडी की जांच में पता चला कि भारत में जिहाद का इरादा रखने वाला पीएफआई खुद को सामाजिक आंदोलन करने वाला बताता है। उसके इरादे हिंसा करने के हैं। ईडी की जांच में ये सनसनीखेज खुलासा हुआ कि भारत में गृहयुद्ध के लिए पीएफआई गुरिल्ला वार और हवाई हमले की तैयारी में था। इसके लिए इस्लामी संगठन ने अलग से संचार प्रणाली स्थापित करने की योजना बनाई।
ईडी के मुताबिक यूपी के हाथरस में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए पीएफआई के सदस्यों ने दौरा किया। दिल्ली में 2020 की फरवरी में हुए दंगों में भी पीएफआई का हाथ था। पीएफआई के लोग वीवीआईपी पर हमले की साजिश भी रच रहे थे। भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ साहित्य छापने का काम भी पीएफआई ने किया। इसके अलावा घातक हथियार और विस्फोटक जमा करने की तैयारी भी पीएफआई ने की। पीएफआई पर केंद्र सरकार ने 2023 में बैन लगा दिया था। जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने पीएफआई के दर्जनों नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इससे पहले बिहार में पीएफआई का एक दस्तावेज बरामद हुआ था। उसमें जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी राज्य बनाने की साजिश का खुलासा हुआ था।