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Bihar: महागठबंधन सरकार से जीतन राम मांझी ने समर्थन लिया वापस, अब अमित शाह से करेंगे मुलाकात, उठाएंगे ये बड़ा कदम

इस सवाल का जवाब पूछने पर संतोष मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी जदयू में विलय कराने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वो मंत्री पद से इ्स्तीफा देना पसंद करेंगे, लेकिन नीतीश की पार्टी के साथ कोई विलय नहीं चाहेंगे।

नई दिल्ली।” तो वही हुआ जिसके लगाए जा रहे थे कयास। पहले इस्तीफा और अब समर्थन वापसी का ऐलान”। बहुत मुमकिन है कि आप समझ गए होंगे कि हम किसकी बात करने जा रहे हैं। दरअसल, हम हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी की बात करने जा रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने नीतीश कैबिनेट से  इस्तीफा दे दिया था और आज उन्होंने कार्यकारिणी की बैठक के बाद सरकार से समर्थन भी वापस ले लिया है, जिसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे आगामी दिनों में बीजेपी की कश्ती पर सवार हो सकते हैं। इसके लिए वे कल दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात करेंगे। हालांकि, इससे पहले भी उनकी दिल्ली में ही शाह से मुलाकात हुई थी। उस वक्त भी मीडिया द्वारा उनसे सवाल किया गया था कि क्या वे बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं, तो इस सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं कहा था, लेकिन  बीते दिनों जब  उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया , तो राजनीतिक गलियारों में दोनों घटनाओं को आपस में जोड़कर व्यापक राजनीतिक निहितार्थ निकाले जाने लगे।

इस बात को प्रबलता मिल गई कि अब संतोष मांंझी आगामी दिनों में बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। मान लेते हैं कि अगर मांझी बीजेपी की कश्ती पर  सवार भी हो जाते हैं, तो उन्हें इसके एवज में क्या मिलेगा? यह अपने आप में बड़ा सवाल है। हालांकि, इस दिशा में नीतीश कुमार ने भी उनके राजनीतिक जीवन में अहम भूमिका निभाई है। जिसे वो खुद स्वीकार कर चुके हैं। जीतन राम मांझी ने एक या दो बार नहीं, बल्कि कई बार सियासी जलशों में इस बात को स्वीकार किया है कि वो नीतीश की बदौलत ही बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने यहां तक भी कहने से गुरेज नहीं किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे नीतीश का साथ छोड़कर नहीं जाएंगे, लेकिन अब जब उनके बेटे ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, तो इसके कयास तेज हो गए कि वे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। फिलहाल कुछ भी अंतिम तौर पर कह पाना मुश्किल है। अमित शाह से मुलाकात के बाद वो क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। बता दें कि आज इस संदर्भ में पटना में हिंदुस्तानी आवाम  मोर्चा की कार्यकारिणी की बैठक भी हुई, जिसमें यह फैसला किया गया कि कल अमित शाह से मुलाकात होगी। इसके बाद ही कोई फैसला  किया जाएगा।

nitish kumar bihar cm

दरअसल, इस्तीफे की वजह पूछने पर संतोष मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी का जदयू में विलय कराने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वो मंत्री पद से इ्स्तीफा देना पसंद करेंगे, लेकिन नीतीश की पार्टी के साथ कोई विलय नहीं चाहेंगे। यह पूछने पर अब उनका अगला कदम क्या होगा , तो उन्होंने दो टूक कह दिया था कि फिलहाल वह अपनी पार्टी को बचाने की दिशा में प्रयासरत हैं। वह हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अस्तित्व को जिंदा रखना चाहते हैं। इसके बाद ही अपने अगल कदम के बारे में कोई विचार करेंगे। लेकिन अंदरखाने ही  इस बात की चर्चा तेज हो चुकी थी कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।