चंडीगढ़। हरियाणा में नायब सिंह सैनी की बीजेपी सरकार के लिए नई मुश्किल खड़ी हुई है। पहले ही 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस का साथ देने का एलान किया। अब जेजेपी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के गवर्नर को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वो सीएम नायब सिंह सैनी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहें। दुष्यंत चौटाला पहले बीजेपी के साथ ही थे और मनोहर लाल खट्टर सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए थे, लेकिन लोकसभा सीटों के बंटवारे के मसले पर बीजेपी से उनकी पटरी न बैठने पर अलग हो गए थे।
सीएम नायब सिंह सैनी अभी अपनी सरकार के भविष्य पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन उन्होंने पहले ये कहा था कि विधायकों की भी कुछ इच्छाएं रहीं। सैनी ने कहा था कि हर व्यक्ति कुछ इच्छाओं से जुड़ा होता है। उन्होंने ये भी कहा था कि कांग्रेस आजकल इच्छाएं पूरी करने में लगी है। हालांकि, लोग ये समझ रहे हैं कि किसकी इच्छा क्या है। कांग्रेस को जनता की इच्छा से लेना-देना नहीं है, उसे अपनी इच्छाओं से मतलब है। वहीं, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सैनी सरकार पर किसी तरह के संकट से ही इनकार कर दिया था। मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि कई विधायक बीजेपी से संपर्क में हैं। ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि सरकार बचाने के लिए बीजेपी कोई खेल कर विपक्षी खेमे में तोड़फोड़ कर सकती है। अब दुष्यंत चौटाला ने गवर्नर से मांग कर दी है कि वो सैनी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कहें। अगर गवर्नर ऐसा निर्देश देते हैं, तो देखना ये होगा कि किस तरह बीजेपी अपनी सरकार को बचाती है।
बड़ी ख़बर, हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखकर फ़्लोर टेस्ट की मांग की, उन्होंने चिट्ठी में विधान सभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने की अपील की.#DushyantChautala #Congress #JJP @NayabSainiBJP#HaryanaPoliticalCrisis @jaspreet_k5 pic.twitter.com/kSSB06mnUP
— News18 India (@News18India) May 9, 2024
अगर विधानसभा के गणित की बात करें, तो हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सदस्य होते हैं, लेकिन पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और निर्दलीय रणजीत सिंह इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में अब हरियाणा विधानसभा में 88 विधायक रह गए हैं। इस वजह से बहुमत के लिए नायब सिंह सैनी को 45 विधायकों का समर्थन चाहिए। बीजेपी के पास अपने 40 विधायक हैं। 2 निर्दलीय राकेश दौलताबाद और नयनपाल रावत ने अभी सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया है। वहीं, गोपाल कांडा ने भी बीजेपी को समर्थन दे रखा है। इन तीनों को अगर बीजेपी अपने साथ जोड़े रखने में कामयाब होती है, तो उसके पक्ष में 43 विधायक हो जाते हैं। यानी उसे बहुमत के लिए 2 और विधायक चाहिए। वहीं, विपक्ष के खाते को देखें, तो कांग्रेस के 30 विधायक हैं। 4 निर्दलीय, जेजेपी के 10 और आईएनएलडी का एक विधायक विपक्ष में हैं। इस तरह विपक्ष अभी बहुमत में है। अगर नायब सिंह सैनी 2 और विधायकों का जुगाड़ अपने पक्ष में न कर सके, तो बीजेपी की सरकार के गिरने का खतरा है।