मुंबई। एक विशेष अदालत ने बैंकों से 14000 करोड़ रुपए लेकर ब्रिटेन भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने नीरव मोदी की कंपनियों की 500 करोड़ रुपए की संपत्ति पंजाब नेशनल बैंक PNB को सौंपने की मंजूरी दे दी है। पीएनबी इन संपत्तियों को बेचकर नीरव मोदी को दी रकम का हिस्सा वापस लेगा। दो हफ्ते में यह तीसरा ऐसा आदेश है जिसमें भगोड़े नीरव मोदी की कंपनियों की स्वामित्व वाली संपत्तियों को इस तरह से बैंकों को लौटाया जा रहा है। इन संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपए है। नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया गया था।
वह फिलहाल लंदन की एक जेल में है। नीरव के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई भी चल रही है। नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पीएनबी और अन्य बैंकों से धोखाधड़ी कर क्रेडिट सुविधा हासिल करने और फिर इसके जरिए 14000 करोड़ रुपए लेकर भागने का आरोप है। इस मामले में नीरव, उसकी बहन और मेहुल चोकसी की संपत्तियों को ईडी ने जब्त किया था। इससे पहले कोर्ट ने पीएनबी की ओर से इस साल जुलाई में 108.3 करोड़ रुपए मूल्य की फायरस्टार इंटरनेशनल और 331.6 करोड़ रुपये की फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की संपत्तियां देने वाली बैंकों की दो अर्जियों को मंजूरी दे दी थी। इनको बेचकर भी बैंक अपना काफी पैसा निकाल सकेंगे।
वहीं, एक और भगोड़े विजय माल्या की हजारों करोड़ की संपत्ति को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह ने बेचकर काफी धन निकाल लिया है। अब बाकी संपत्ति को बेचकर ब्याज हासिल करने की तैयारी बैंक कर रहे हैं। विजय माल्या भी लंदन में है। उसके प्रत्यर्पण के आदेश ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने किए हैं, लेकिन माल्या ने इसे वहां की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक माल्या और नीरव मोदी का भारत प्रत्यर्पण हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएम नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि देश की संपत्ति बटोरकर फरार होने वाले अपराधियों को सरकार किसी सूरत में नहीं बख्शेगी।