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Nitish Jolted: लालू के लाल ने उप चुनाव में दो सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का कर दिया एलान, नीतीश का खाली रह गया हाथ!

अगर ये भी मान लिया जाए कि मोकामा सीट तो आरजेडी की थी और वहां तेजस्वी उम्मीदवार उतार रहे हैं, लेकिन गोपालगंज पर भी दावा ठोककर तेजस्वी ने नीतीश कुमार को झटका दिया है। क्योंकि ये सीट वो चाहते, तो नीतीश की पार्टी को दे सकते थे। गोपालगंज सीट को 2020 में बीजेपी ने जीता था। नीतीश इस सीट के लिए दावेदारी कर सकते थे।

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nitish and tejashwi yadav

पटना। बिहार में बीजेपी से अलग होकर आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद ऐसा फैसला हुआ कि सीएम नीतीश कुमार का हाथ खाली रह गया। दरअसल, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। बताया गया है कि महागठबंधन ने सबकी सहमति से ये तय किया। मोकामा सीट पर उप चुनाव बाहुबली अनंत सिंह की सदस्यता खत्म होने के बाद कराया जा रहा है। उनकी पत्नी नीलम देवी को आरजेडी मैदान में उतारने जा रही है। इसे नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

गोपालगंज सीट को साल 2020 के चुनाव में बीजेपी के सुभाष सिंह ने जीता था। नीतीश सरकार में वो मंत्री थे। बाद में अचानक सुभाष सिंह की तबीयत काफी खराब हो गई। उनका दिल्ली में इलाज भी हुआ। फिर भी उनका निधन हो गया। अगर ये भी मान लिया जाए कि मोकामा सीट तो आरजेडी की थी और वहां तेजस्वी उम्मीदवार उतार रहे हैं, लेकिन गोपालगंज पर भी दावा ठोककर तेजस्वी ने नीतीश कुमार को झटका दिया है। क्योंकि ये सीट वो चाहते, तो नीतीश की पार्टी को दे सकते थे। बिहार विधानसभा की मौजूदा स्थिति ये है कि बीजेपी के पास 77 और आरजेडी के 76 विधायक हैं। वहीं, नीतीश के पास सिर्फ 45 विधायक हैं। अगर आरजेडी मोकामा और गोपालगंज की सीटें जीत जाती है, तो उसके 78 विधायक हो जाएंगे। बिहार विधानसभा में कुल सीटें 243 हैं। बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है।

BJP Flag

वहीं, मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव के लिए बीजेपी भी कमर कस रही है। वो इन दोनों सीटों को जीतकर साबित करना चाहती है कि नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन को जनता पसंद नहीं कर रही है। गोपालगंज सीट वैसे भी बीजेपी के पास थी। अगर वो इसके साथ मोकामा भी जीत ले, तो आरजेडी के अलावा नीतीश की जेडीयू को भी तगड़ा झटका लगेगा। बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी का इरादा दोनों सीटों का उप चुनाव जीतने का है और पूरा दमखम लगाया जाएगा। बड़े नेताओं की जनसभाएं कराई जाएंगी। पिछले दिनों अमित शाह बिहार पहुंचकर नीतीश और आरजेडी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर ही चुके हैं। साथ ही बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद जिस तरह अपराध बढ़े हैं, उसे भी बीजेपी इन उप चुनावों में मुद्दा बनाने वाली है।

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