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BBC on PM Modi: बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री पर जजों-अधिकारियों ने जताई आपत्ति; 302 लोगों ने चिठ्ठी लिखकर बखिया उधेड़ी

BBC on PM Modi: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ देश के 302 सम्मानित लोगों ने एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिखने वालों में 13 पूर्व न्यायाधीश भी शामिल है। इसके अलावा चिट्ठी में 133 पूर्व अफसरों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि देश के रिटायर्ड अफसरों, जजों ने बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री पर आपत्ति जताते हुए सवाल उठाए है। इसके साथ ही डॉक्यूमेंट्री को भ्रामक करार दिया।

नई दिल्ली। विदेशी मीडिया भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगातार फेक प्रोपेगेंडा चलाने की कोशिश करता रहता है। इसी क्रम में हाल ही में ब्रिटेन की ब्रॉडकास्टिंग कंपनी बीबीसी ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि को दुनियाभर में खराब करने के लिए प्रोपेगेंडा चलाया। बीबीसी पीएम मोदी और भारत के मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। जिसका नाम ‘इंडिया: द मोदी क्‍वेश्‍चन’ है। दो पार्ट में बनाई गई इस सीरीज में साल 2002 में हुए गुजरात दंगों को दिखाया गया है। उस वक्त गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी थी। पीएम मोदी पर बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को दुनियाभर में बवाल भी देखने को मिला। इस डॉक्यूमेंट्री की चौतरफा आलोचना की गई। इतना ही नहीं ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रामी रेंजर ने भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रामक रिपोर्टिंग करने पर बीबीसी को खरी खोटी भी सुनाई थी।

लेकिन इसी बीच आज बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ देश के 302 सम्मानित लोगों ने एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिखने वालों में 13 पूर्व न्यायाधीश भी शामिल है। इसके अलावा चिट्ठी में 133 पूर्व अफसरों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। जिनमें 33 राजदूत और 156 सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी शामिल हैं। बता दें कि देश के रिटायर्ड अफसरों, जजों ने बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री पर आपत्ति जताते हुए सवाल उठाए है। इसके साथ ही डॉक्यूमेंट्री को भ्रामक करार दिया। इन 302 लोगों ने चिठ्ठी लिखकर बीबीसी की बखिया भी उधेड़ी।

प्रतिष्ठित नागरिकों ने बीबीसी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि एक बार फिर से बीबीसी ने भारत के प्रति अपनी विकृत मानसिकता व पूर्वाग्रह वाली सोच जाहिर की है। हालांकि, बीबीसी ने दावा किया है कि डॉक्यूमेंट्री बनाते समय उचित संपादिकय मानकों का उपयोग किया गया है, लेकिन भारत की तरफ से इन बातों को सिरे से खारिज किया जा रहा है।

बीबीसी का दावा है कि डॉक्यूमेंट्री में हत तथ्य को दिखाने से पूर्व उस पर गहन शोध किया गया है। यहां तक हिंदू-मुस्लिम तनाव के प्रसंग को भी फिल्माने से पहले उस पर गहन शोध किया गया है। बता दें कि वर्तमान में भारत की तरफ ब्रिटेन प्रयोजित बीबीसी द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया जा रहा है। भारत का दावा है कि डॉक्यूमेंट्री के जरिए देश की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।