
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ अब आमरण अनशन का तीर छोड़ा है। जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार रात से कोलकाता के एस्प्लैनेड इलाके में आमरण अनशन शुरू कर दिया। जूनियर डॉक्टरों में से 6 ने आमरण अनशन की शुरुआत की है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक वे आमरण अनशन करते रहेंगे।
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि 9 अगस्त से हम अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों में शामिल शायंतनी घोष हाजरा ने कहा कि हम हमेशा न्याय के लिए विरोध जताते रहे। ताकि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जिस तरह डॉक्टर की रेप के बाद हत्या हुई, वैसी घटना फिर से न हो। आमरण अनशन का फैसला करने वाले जूनियर डॉक्टरों के मुताबिक उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने जूनियर डॉक्टरों को लात मारी और इस पर भी चुप्पी साधी गई है। जूनियर डॉक्टरों ने साफ किया कि उनकी जंग जनता के खिलाफ नहीं, न्याय हासिल करने के लिए है। इससे पहले जूनियर डॉक्टरों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली थी।
VIDEO | RG Kar rape-murder: “Since August 9, we’ve tried various forms of protest to press for our demands. Every time we have protested, it has been for justice and to ensure that such cases don’t repeat. Yesterday, we gave the state government 24 hours in the hope, but nothing… pic.twitter.com/xuN8fTyX4I
— Press Trust of India (@PTI_News) October 6, 2024
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8 और 9 अगस्त की दरम्यानी रात डॉक्टर की रेप के बाद हत्या हुई थी। इसके बाद आंदोलन छेड़ते और सुरक्षा की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। सीएम ममता बनर्जी ने बातचीत में जूनियर डॉक्टरों को आश्वासन दिया था कि उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने 46 दिन पुरानी हड़ताल वापस ली थी। इसके बाद कोलकाता के सागर घोष मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टरों और नर्सों की पिटाई की घटना हुई। जिसके बाद अब डॉक्टरों ने आमरण अनशन करने का फैसला किया है।